कोरोना की फैक्ट्री बने निजामुद्दीन मरकज पर कड़ी कार्रवाई हो : विहिप

Last Updated 01 Apr 2020 03:19:14 PM IST

विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) ने निजामुद्दीन मरकज की घटना को शर्मनाक और दुर्भाग्यजनक करार दिया है।


विहिप) ने निजामुद्दीन मरकज की घटना को शर्मनाक और दुर्भाग्यजनक करार देते हुए आशंका जताई है कि इस तरह की घटना से कोरोनावायरस के विरुद्ध पिछले 18 दिनों के संघर्ष और लाकडाउन की उपलब्धियों पर पानी फिर सकता है। विहिप ने यहां जारी एक बयान में कहा है कि इज्तेमा के नाम पर दुनिया के 25 देशों और भारत के तब्लीगी जमात के हजारों की संख्या में लोग कई दिनों से एकत्रित थे। इस्लाम के प्रचार के लिए इनमें से 15 सौ से अधिक भारत के कई राज्यों की मस्जिदों में छिपे बैठे हैं। इनमें से 400 से ज्यादा पकड़े जा चुके हैं। पकड़े गए कई मौलवी कोरोनाग्रस्त पाए गए हैं।

विहिप के मुताबिक, केरल से कश्मीर तक इन मौलवियों द्वारा संक्रमण फैलाने की आशंका जताई जा रही है। ऐसा लगता है कि अब निजामुद्दीन मरकज कोरोना नामक भूकंप का केन्द्र बन चुका है।

विहिप ने ऐसी स्थिति में तथाकथित सेकुलर बुद्धिजीवियों की चुप्पी पर सवाल किया है और सरकार से अपील की है कि वह अपने प्रभाव का उपयोग कर इस प्रकार की गतिविधियों पर रोक लगाए।

विहिप ने मरकज, मस्जिदों व मदरसों में छिपे इन तत्वों को बाहर निकालने की जगह उनकी इमारतों को ही क्वारंटीन करके वहीं उनका इलाज कराए जाने की मांग की है। विहिप ने अन्य धर्म स्थलों और खुली हुई सभी मस्जिदों को तत्काल बंद करने की अपील की है, और इसके लिए मुस्लिम समाज को स्वयं आगे बढ़ने का आह्वान किया है।

विहिप अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने बयान में सरकार से अपील की है कि "जो विदेशी मुल्ला और मौलवी टूरिस्ट वीजा लेकर यहां कट्टरपंथ के प्रसार के लिए आए हैं, उनका वीजा रद्द कर उन पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। जो भी तत्व देश का साथ न देकर कोरोना का साथ दे रहे हैं, उनके विरुद्ध कठोरतम कार्रवाई हो, यही हमारी अपेक्षा है।"

आईएएनएस
नई दिल्ली


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