तबलीगी जमात: फरार मौलाना का संदिग्ध ऑडियो वायरल, यूपी-दिल्ली में छापे

Last Updated 01 Apr 2020 02:54:56 PM IST

दो दिन से एक ऑडियो क्लिप सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है। ऑडियो क्लिप में आवाज निजामुद्दीन स्थित मरकज तबलीगी जमात के मुखिया मो. साद कंधालवी की कही जा रही है। क्लिप के मुताबिक, मो. साद साफ-साफ कह रहे हैं कि सोशल डिस्टेंसिंग की कोई जरूरत नहीं है और न ही यह हमारे धर्म में कहीं लिखा है।


मौलाना साद (फाइल फोटो)

मौलाना साद के इस कथित ऑडियो क्लिप में कुछ लोग उनकी 'हां में हां' मिला रहे हैं। आईएएनएस इस ऑडियो क्लिप की सत्यता प्रमाणित नहीं कर रहा है। हालांकि फरार चल रहे मो. साद कंधावली के करीबी ऑडियो में उन्हीं की आवाज मान रहे हैं। क्लिप दिल्ली पुलिस अपराध शाखा तक भी पहुंचने की खबर है। ऑडियो क्लिप में मौलाना के मुरीद बाकी मौलानाओं में कई के खांसने और छींकने की आवाजें भी आ रही हैं।

इस बाबत आईएएनएस ने बुधवार को मरकज मुख्यालय के प्रवक्ता मो. अशरफ से बात की।

उन्होंने कहा, "पुलिस ने जिन लोगों को एफआईआर में नामजद किया है, उनमें मौलाना साद के साथ-साथ वे लोग हैं, जो 23-24 मार्च को निजामुद्दीन एसएचओ से मीटिंग करने गए थे।"

अगर मौलाना साद की कोई गलती नहीं है तो फिर वह एफआईआर दर्ज होते ही गायब क्यों हो गए? इस सवाल पर प्रवक्ता ने कहा, "मैं उनसे एक सप्ताह पहले मिला था। उसके बाद से उनसे न मुलाकात हुई न कोई बात। संभव है कि वह किसी रिश्तेदारी में या फिर कांधला में अपने घर निकल गए हों।"

दिल्ली पुलिस अपराध शाखा सूत्रों के मुताबिक, "मौलाना साद और उनके कुछ साथियों की तलाश है। कई जगह टीमें गई हैं। वे सभी फिलहाल नहीं मिले हैं। इस बारे में हम मुजफ्फनगर (यूपी) पुलिस से भी मदद ले सकते हैं। संभव यह भी है कि हम अपनी ही किसी टीम को कांधला साद को तलाशने को भेज दें। एक ऑडियो क्लिप के बारे में भी कुछ बातें निकल कर सामने आ रही हैं। मगर इस पर जब तक पुष्टि नहीं हो जाती तब तक कुछ ठोस कह पाना मुश्किल है।"

दिल्ली पुलिस अपराध शाखा और निजामुद्दीन थाना सूत्रों के मुताबिक, "एफआईआर में मौलाना साद के साथ जिन अन्य पांच लोगों को नामजद किया गया है, ये वही लोग हैं जिन्हें 23-24 मार्च 2020 को एसएचओ निजामुद्दीन मुकेश वालिया ने बुलाकर नोटिस थमाया था। उन्हें नसीहत दी थी कि जमात कर्ताधर्ता तुरंत मरकज हेडक्वार्टर को खाली कर दें।" इसी बातचीत का वीडियो मंगलवार 31 मार्च, 2020 को आईएएनएस के हाथ लग गया था।

दिल्ली पुलिस अपराध शाखा ने अब तक सामने आए तथ्यों के बाद जो एफआईआर दर्ज की है, उसमें अज्ञात के खिलाफ तो महामारी अधिनियम सहित तमाम धाराओं में केस दर्ज है। साथ ही साथ एफआईआर में जिन छह लोगों को आरोपी/संदिग्धों के कॉलम में दर्ज किया गया है, उनमें पहला नाम तबलीगी जमात प्रमुख मो. साद कंधावली का है। उसके बाद अन्य प्रमुख नामों में मौलाना साद के सहयोगी मुफ्ती शहजाद, मो. सैफी, डॉ. जीशान, मो. सलमान के भी नाम दर्ज हैं।

मरकज के अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, दिल्ली पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज किए जाते ही मरकज प्रबंधन ठंडा पड़ गया।

मरकज मुख्यालय और निजामुद्दीन थाना सूत्रों के मुताबिक, "बुधवार तड़के करीब 3 बजे जमात मुख्यालय को खाली कराने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई थी। करीब 2000 से ज्यादा लोग अंदर मौजूद मिले थे। इन सभी को सतर्कता के साथ अलग-अलग स्थानों पर ले जाकर क्वारंटाइन कर दिया गया है। साथ ही पुलिस ने पूरे मरकज मुख्यालय को चारों ओर से अपने कब्जे में ले लिया है।"
 

आईएएनएस
नई दिल्ली


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