अमेरिकी आयोग की टिप्पणी भ्रामक

Last Updated 28 Feb 2020 05:08:21 AM IST

भारत ने उत्तर पूर्वी दिल्ली में हुई हिंसा के संबंध में एक अमेरिकी आयोग और कुछ लोगों द्वारा की गई टिप्पणियों को बृहस्पतिवार को ‘तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक’ बताया और कहा कि यह मुद्दे का राजनीतिकरण करने का प्रयास है।


विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार (file photo)

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार की यह प्रतिक्रिया एक दिन पहले अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता पर अमेरिकी आयोग (यूएससीआईआरएफ) द्वारा दिल्ली में हिंसा पर ‘गहरी चिंता’ जताने पर आई। आयोग ने भारत सरकार से कहा कि वह लोगों की रक्षा करें, चाहे वे किसी भी धर्म के हों। अमेरिका में राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार बर्नी सैंडर्स समेत कई प्रभावशाली अमेरिकी सांसदों ने दिल्ली में हिंसा पर चिंता जताई है।
कुमार ने कहा, ‘‘हमने यूएससीआईआरएफ, मीडिया के कुछ तबकों और कुछ लोगों द्वारा दिल्ली में हिंसा की हालिया घटनाओं को लेकर की गई टिप्पणियां देखी। ये तथ्यात्मक रूप से गलत और भ्रामक हैं। ऐसा लगता है कि इसका उद्देश्य मुद्दे का राजनीतिकरण करना है।’’ एमईए ने यह स्पष्ट नहीं किया कि उसका इशारा किन लोगों की ओर है। माना जा रहा है कि यह दिल्ली हिंसा के मुद्दे पर भारत के आलोचक अमेरिकी सांसदों के लिए कहा गया है।

कुमार ने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां हिंसा को रोकने के लिए काम कर रही हैं और यह सुनिश्चित करने का प्रयास कर रही हैं कि भरोसा कायम हो और सामान्य हालात बहाल हों। उन्होंने कहा, ‘‘इस प्रक्रिया में सरकार के वरिष्ठ प्रतिनिधि शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सार्वजनिक तौर पर शांति और भाईचारा कायम करने की अपील की है। हम अनुरोध करेंगे कि इतने संवेदनशील वक्त में गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणियां न की जाएं।’’
यूएससीआईआरएफ ने बुधवार को कहा था, ‘‘दिल्ली में जारी हिंसा और मुस्लिमों, उनके घरों, दुकानों, धार्मिक स्थलों पर कथित हमले बेहद परेशान करने वाले हैं। किसी भी जिम्मेदार सरकार का अत्यावश्यक कर्तव्य है कि वे अपने नागरिकों की रक्षा करें और उन्हें शारीरिक सुरक्षा दें, चाहे वे किसी भी धर्म के हों।’’

भाषा
नई दिल्ली


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