अरुणाचल प्रदेश में अमित शाह बोले- अनुच्छेद 371 को कोई हटा नहीं सकता

Last Updated 20 Feb 2020 03:14:00 PM IST

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गुरुवार को अनुच्छेद 371 हटाए जाने की अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि इसे कोई हटा नहीं सकता है और न ही इसे हटाने की किसी की मंशा है।




शाह ने आज यहां अरुणाचल प्रदेश के 33वें स्थापना दिवस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा अगस्त में जब अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला लिया गया, तो पूर्वोत्तर में भी अफवाहें और गलतफहमी फैलाई गई कि 370 के साथ ही 371 को भी हटा दिया जायेगा। उन्होंने कहा, ‘‘मैं आज समग्र नार्थ ईस्ट को बताना चाहता हूं कि अनुच्छेद 371 को कोई हटा नहीं सकता है और न ही हटाने की किसी की मंशा है।’’

नरेंद्र मोदी सरकार के छह वर्ष के कार्यकाल के दौरान पूर्वोत्तर के राज्यों के तेजी से विकास का उल्लेख करते हुए शाह ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री पेमा खांडू के नेतृत्व में तेज गति से विकास कार्य हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में बधाई देने के अलग-अलग तरीके हैं लेकिन अरुणाचल प्रदेश ही एक मात्र ऐसा राज्य है, जहां लोग जब एक दूसरे को बधाई देते है तो वह ‘जय हिंद’ पुकारते हैं।

गृह मंत्री ने कहा कि देश के लिए पूर्वोत्तर का क्षेत्र हमेशा महत्वपूर्ण रहा है। देश के सभी लोग पूर्वोत्तर  क्षेत्र के  विकास और यहां रहने वाले लोगों के कल्याण में विश्वास करते हैं। देश के लिए पूर्वोत्तर हमेशा से बहुत महत्वपूर्ण रहा है। इस दुर्गम क्षेत्र में बसने वाली जनजातियां भारतीय संस्कृति के लिए एक श्रृंगार से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि देश की संस्कृति इस क्षेत्र की संस्कृति के बिना अधूरी ही नहीं, अपंग भी है।

शाह ने कहा कि केंद्र में मोदी की अगुवाई में सरकार बनने के बाद पूर्वोत्तर क्षेत्र की समस्याओं को दूर करने के लिए तेजी से कदम उठाये गये जिससे  क्षेत्र विकासोन्मुखी बने। मोदी ने पिछले पांच साल के दौरान पूर्वोत्तर के राज्यों का 30 बार दौरा किया। इसका अर्थ यह हुआ कि प्रधानमंत्री इस  क्षेत्र के लोगों से हर साल छह बार मिले। 14वें वित्त आयोग ने 13 वें वित्त आयोग की तुलना में पूर्वोत्तर के बजट में 251 प्रतिशत की बड़ी बढ़ोतरी की।

गृह मंत्री ने कहा कि पिछले तीन वर्षों सालों के दौरान पूर्वोत्तर में सड़क मार्ग को सुगम बनाने के लिए 38 हजार करोड़ रुपए के 3800 किलोमीटर लंबे मागरें को मंजूरी दी गई और इसमें से 1200 किलोमीटर को पूरा किया जा चुका है। पूर्वोत्तर की 900 किलोमीटर रेलवे लाइन को ब्रॉड गेज में बदला गया है।

त्रिपुरा-सुंदरी एक्सप्रेस-वे नयी दिल्ली से त्रिपुरा के बीच शुरू की गयी। उन्होंने कहा कि वह क्षेत्र के लोगों को यह आस्त करना चाहते हैं कि पूर्वोत्तर के राज्यों की सभी राजधानियों को सड़क और वायु मार्ग से आपस में जोड़ा जायेगा।

वार्ता
ईटानगर


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