अपील की अवधि पूरी होने से पहले डेथ वारंट जारी होने पर SC ने उठाया सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने मौत की सजा पाए दोषियों को कोर्ट में अपील दाखिल करने के लिए मिली 60 दिन की समयसीमा पूरी होने से पहले ही, सजा की तामील के लिए निचली अदालतों की ओर से ब्लैक वारंट किए जाने पर गुरुवार को प्रश्न उठाया।
(प्रतीकात्मक तस्वीर) |
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के 2015 के एक फैसले का जिक्र किया जिसमें कहा गया था कि किसी दोषी के खिलाफ मौत का वारंट 60 दिन की उस अवधि के पूरे होने से पहले जारी नहीं किया जा सकता जो दोषी को हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल करने के लिए मिली है।
पीठ ने कहा, ‘‘हम जानना चाहते हैं कि इस संबंध में एक फैसला रहने के बावजूद निचली अदालतें ब्लैक वारंट जारी करने के आदेश कैसे पारित कर रही हैं।’’
आगे पीठ ने कहा, ‘‘किसी को तो यह समझाना ही पड़ेगा। न्यायिक प्रक्रिया को इस प्रकार से होने नहीं दिया जा सकता।’’
पीठ ने बलात्कार और हत्या के दोषी अनिल सुरेन्द्र सिंह यादव के खिलाफ गुजरात की सत्र अदालत द्वारा जारी ब्लैक वारंट पर रोक लगा दी।
साथ ही पीठ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से इस संबंध में सहायता करने को कहा और उनसे सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद मृत्यु वारंट जारी होने के कारणों का पता लगाने को कहा।
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