पाक जा रहे चीन के जहाज में मिसाइल लांचिंग प्रणाली उपकरण होने का संदेह

Last Updated 17 Feb 2020 04:38:18 PM IST

पाकिस्तान जा रहे चीन के जहाज ‘दा कुइ युन’ जिसे कस्टम विभाग की टीम ने लगभग दो सप्ताह से गुजरात के कंडला बंदरगाह के निकट रोक कर रखा है, में कथित तौर पर परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम मिसाइल को लांच करने वाले उपकरण का एक महत्वपूर्ण हिस्सा मिला है।


यह जहाज, जिस पर हांग कांग का झंडा लगा था, चीन के जियांगयिन बंदरगाह से कराची के मोहम्मद बिना कासिम बंदरगाह के लिए गत 17 जनवरी को यात्रा शुरू की थी। इसे तीन फरवरी को भारतीय कस्टम ने रूकवा कर जांच के लिए कंडला बंदरगाह के जेट्टी संख्या 15 पर रोक रखा है।

इसकी जांच के बारे में हालांकि कंडला बंदरगाह और कस्टम के अधिकारी पूरी तरह चुप्पी साधे हुए हैं पर सूत्रों ने बताया कि उच्च स्तरीय खुफिया सूचना के आधार पर इसे रोका गया है। संदेह इसलिए भी अधिक था क्योंकि यह पाकिस्तान के जिस कासिम बंदरगाह पर जा रहा था वह पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम विकसित करने वाली संस्था सुपारको के निकट हैं। इसमें चालक दल समेत कुल 22 लोग सवार हैं।

सूत्रों ने बताया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन यानी डीआरडीओ के वैज्ञानिकों की एक टीम पहले ही इसकी पड़ताल कर चुकी है और आज एक और दल के इस जहाज पर मिले उपकरण की पड़ताल करने की पूरी संभावना है। हालांकि जहाज का चालक दल यह दावा कर रहा है कि यह उपकरण औद्योगिक ड्रायर है जिसका उपयोग सुखाने आदि के लिए किया जाता है पर प्रथम दृष्टया यह लगता है कि यह दरअसल ऑटोक्लेव है जो मिसाइल लांच करने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसकी लंबाई लगभग 17 से 18 मीटर और चौड़ाई करीब चार मीटर है। अगर यह सचमुच ऑटोक्लेव हुआ तो चालक दल और जहाज के मालिक के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय निर्यात आयात नियमों के तहत कार्रवाई होगी।

सूत्रों ने बताया कि संदेह इसलिए और भी गहरा हो जाता है कि चीन और पाकिस्तान के बीच कई खुले और गुप्त सैन्य समझौते हैं और लगभग तीन दशक पहले चीन ने पाकिस्तान को 30 से अधिक ठोस ईंधन चालित ऐसे मिसाइल देने के लिए करार किया था जो परमाणु अस्त्र ले जाने में सक्षम हैं।

सूत्रों ने बताया कि देश के सुरक्षा परिदृश्य के लिए यह एक चिंताजनक बात भी है। इसलिए इसे बेहद गंभीरता से लिया जा रहा है। ज्ञातव्य है कि यह कोई पहली बार नहीं है कि इस तरह से किसी विदेशी जहाज को पकड़ा गया है। इससे पहले वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान उत्तर कोरिया के एक जहाज को भी कंडला के निकट पकड़ा गया था जिसमें जलशोधन उपकरण की आड़ में ले जाये जा रहे मिसाइल उपकरणों को जब्त किया गया था।
 

वार्ता
गांधीधाम


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