पार्टियों को SC का निर्देश, वेबसाइट पर बताना होगा क्यों दिया आपराधिक बैकग्राउंड वाले को टिकट?

Last Updated 13 Feb 2020 12:12:39 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने राजनीति के अपराधीकरण में वृद्धि पर चिंता जाहिर करते हुए गुरुवार को सभी सियासी दलों को निर्देश दिया कि वे चुनाव लड़ रहे अपने उम्मीदवारों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों का ब्यौरा अपनी वेबसाइट पर अपलोड करें।


सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सियासी दलों को वेबसाइट पर यह भी बताना होगा कि उन्होंने ऐसे उम्मीदवार क्यों चुनें जिनके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं।      

कोर्ट ने एक अवमानना याचिका पर यह आदेश पारित किया। उस याचिका में राजनीति के अपराधीकरण का मुद्दा उठाते हुए दावा किया गया था कि सितंबर 2018 में आए सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का पालन नहीं किया जा रहा है जिसमें सियासी दलों से अपने उम्मीदवारों के आपराधिक रिकॉर्ड का खुलासा करने को कहा गया था।     

न्यायमूर्ति रोहिंग्टन फली नरीमन की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि सियासी दल उम्मीदवारों के खिलाफ लंबित आपराधिक मामलों की विस्तृत जानकारी फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, क्षेत्रीय भाषा के एक अखबार और एक राष्ट्रीय अखबार में प्रकाशित करवाएं।     

कोर्ट ने कहा कि सियासी दलों को ऐसे उम्मीदवार को चुनने के 72 घंटे के भीतर चुनाव आयोग को अनुपालन रिपोर्ट देनी होगी जिसके खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं। साथ ही कोर्ट ने यह भी कहा कि जिन उम्मीदवारों के खिलाफ आपराधिक मामले लंबित हैं उनके बारे में अगर राजनीतिक दल कोर्ट की व्यवस्था का पालन करने में असफल रहते हैं तो चुनाव आयोग इसे सुप्रीम कोर्ट के संज्ञान में लाए।    

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि प्रतीत होता है कि बीते चार आम चुनाव से राजनीति में अपराधीकरण तेजी से बढ़ा है।

भाषा
नयी दिल्ली


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