निर्भया केस: चारों दोषियों के पुतलों को तिहाड़ जेल में दी गई फांसी

Last Updated 28 Jan 2020 10:10:38 AM IST

तिहाड़ जेल में सोमवार को दिन के वक्त खबर फैल गई कि चार मुजरिमों को एक साथ फांसीघर में लटका दिया गया है।


(प्रतीकात्मक तस्वीर)

खबर ने कुछ देर के लिए तिहाड़ जेल सुरक्षाकर्मियों तक की सांसें रोक दीं। यहां बंद कैदियों में हकीकत जानने की होड़ लग गई। कई घंटे तक हड़कंप का आलम बरकरार रहा। उसके बाद धीरे-धीरे जब असलियत सामने आनी शुरू हुई, तब सबने अपना-अपना माथा पकड़ लिया। दरअसल, फांसीघर में किसी असली मुजरिम को नहीं लटकाया गया था, बल्कि फांसी पर लटकाए जाने का 'ट्रायल' था।

यह निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्याकांड में मृत्युदण्ड पाये चार मुजरिमों को फांसी पर लटकाने का ट्रायल था। यह ट्रायल चार 'डमी' पर अमल में लाया गया। ये सभी डमी निर्भया के कातिलों के वजन, कद-काठी की थीं। इन्हीं डमियों को फंदे पर लटकाया जा रहा था। इस ट्रायल के जरिये देखा जा रहा था कि निर्भया के कातिलों को फंदे पर टांगने वाले दिन कहीं कोई कमी बाकी न रह जाए।

उल्लेखनीय है कि सोमवार से पहले भी इस तरह का ट्रायल अमल में लाया गया था। जब निर्भया के हत्यारों को लटकाने की तारीख बदल गई, तो सब कुछ शांत हो चुका था। अब,

जब निर्भया के कातिलों को फंदे पर टांगने की तारीख की उल्टी गिनती शुरू हो गई है, तब सोमवार को दुबारा तिहाड़ जेल प्रशासन ने ट्रायल (अभ्यास) कर लेना मुनासिब समझा।

निर्भया के दोषियों को 1 फरवरी को सुबह 6 बजे होगी फांसी

जेल प्रशासन ने बताया कि दोषियों को फांसी देने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों का परीक्षण करने के लिए जेल अधिकारियों द्वारा तीसरी बार पुतलों को फांसी दी गई है।    

अधिकारियों ने बताया ये पूरी प्रकिया सोमवार को दोपहर में की गई और अगले कुछ दिनों तक इसे दोहराया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि फांसी में इस्तेमाल होने वाली रस्सी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले से मंगाई गई है।    

जेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कैदियों के वजन के अनुसार बोरों में गेहूं और बालू भरकर पुतले बनाए गए थे।      

दिल्ली की एक अदालत ने 17 जनवरी को विनय शर्मा (26), अक्षय कुमार सिंह (31), मुकेश कुमार सिंह (32) और पवन (26) को एक फरवरी को सुबह छह बजे फांसी देने का आदेश जारी किया था। लंबित याचिकाओं के कारण 22 जनवरी को होने वाली फांसी को स्थगित कर दिया गया था।     

उन्होंने बताया, ‘‘हम फांसी से पहले उसमें इस्तेमाल होने वाली चीजों की गुणवत्ता की जांच कर रहे हैं। तीन दिन के बाद जल्लाद को भी बुला लिया जाएगा। दोषियों के पास अपने परिवार से आखिरी बार मिलने के बारे में निर्णय करने के लिए तीन-चार दिन का समय है।    

सूत्रों ने बताया कि दिन में अक्षय कुमार सिंह की पत्नी, मां और भतीजा जेल में उससे मिलने आए।     

उन्होंने बताया कि फांसी से पहले अभी तक उनके पास अपने परिवार से आखिरी बार मिलने का मौका है।

आईएएनएस/भाषा
नई दिल्ली


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