E-Ticketing के बड़े रैकेट का RPF ने किया भंडाफोड़
रेलवे में अवैध टिकट रैकेट को लेकर हाल में की गई सबसे बड़ी कार्रवाई में आरपीएफ ने झारखंड के गुलाम मुस्तफा नामक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
E-Ticketing के बड़े रैकेट का RPF ने किया भंडाफोड़ |
ई-टिकट गिरोह में शामिल यह व्यक्ति मदरसे से पढ़ा हुआ है और खुद ही उसने साफ्टवेयर विकसित करना सीखा है। उसके आतंकी वित्त पोषण से भी जुड़े होने की आशंका है। इस गिरोह का मास्टर माइंड हामिद अशरफ दुबई से गिरोह का संचालन कर रहा है।
आरपीएफ के महानिदेशक अरुण कुमार ने मंगलवार को बताया कि गुलाम मुस्तफा को भुवनेश्वर से गिरफ्तार किया गया। उसके पास आईआरसीटीसी की 563 निजी आईडी हैं जबकि एसबीआई की 2400 शाखाओं और क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की 600 शाखाओं की सूची भी मिली जहां उसके खाते होने का संदेह है। पिछले दस दिनों में आईबी, स्पेशल ब्यूरो, ईडी, एनआईए और कर्नाटक पुलिस ने मुस्तफा से पूछताछ की है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में धनशोधन और आतंकवादी वित्त पोषण का भी संदेह है। गिरोह के सरगना हामिद अशरफ पर प्रतिमाह 10 से 15 करोड़ रुपए अवैध तरीके से कमाने का संदेह है। अशरफ साफ्टवेयर डेवलपर भी है जो 2019 में गोंडा के एक स्कूल में हुए बम कांड में संलिप्त था। उन्होंने बताया कि रेलवे सुरक्षा बल द्वारा पिछले कुछ महीने से अवैध टिकट बुकिंग के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान से यह सफलता हाथ लगी है। गिरोह की अवैध कमाई अर्जित धन को बिटकाइन, क्रिस्टो करेंसी और हवाला के जरिए भेजा जाता था। इस गिरोह में 20 हजार से अधिक एजेंटों वाले 200 से 300 पैनल देश भर में सक्रिय हैं।
पाकिस्तानी संगठन से कनेक्शन : आरपीएफ प्रमुख ने बताया कि यह गिरोह पाकिस्तान के प्रतिबंधित संगठन तब्लीगी जमात से जुड़ा है। इसमें बेंगलुरू की एक साफ्टवेयर कंपनी भी साझीदार है और एक उच्च तकनीकविद् इस गिरोह को सक्रिय मदद देता है। गुलाम मुस्तफा से पूछताछ में इस पूरे नेटवर्क का खुलासा हुआ। इस गिरोह के पास फर्जी आधार कार्ड एवं फर्जी पैन कार्ड बनाने की तकनीक है।
घुसपैठ कराने में मददगार : उन्होंने बताया कि यह गिरोह बांग्लादेश से लोगों को अवैध रूप से लाने एवं यहां बसाने का काम भी कर रहा था। मुस्तफा के पास बरामद लैपटाप से कई गंभीर जानकारी मिली है। यह गिरोह एएनएमएस साफ्टवेयर के माध्यम से टिकटों की कालाबाजारी करता है।
कौन है हामिद अशरफ : आरपीएफ के अनुसार गिरोह का सरगना हामिद अशरफ उत्तर प्रदेश के बस्ती का रहने वाला है। उसे 2016 में बस्ती में सीबीआई रेलवे विजिलेंस एवं स्थानीय पुलिस के संयुक्त दल ने गिरफ्तार किया था। वह जमानत पर बाहर आने के बाद फरार हो गया था।
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