रक्षा मंत्री ने 51वीं के-9 वज्र तोप को दिखाई हरी झंडी

Last Updated 16 Jan 2020 03:34:58 PM IST

रक्षा मंत्री राजनाथसिंह ने बृहस्पतिवार को 51वीं के-9 व्रज-टी तोप को सूरत के हजीरा स्थित लार्सन एंड टुब्रो बख्तरबंद प्रणाली परिसर में हरी झंडी दिखाई।


रक्षा मंत्री ने 51वीं के-9 वज्र तोप को दिखाई हरी झंडी

रक्षा मंत्री राजनाथसिंह ने अपने भाषण में लार्सन एंड टुब्रो के कर्मचारियों की प्रतिबद्धता और मेहनत को सलाम करते हुए कहा कि कंपनी का हजीरा परिसर ‘‘नए भारत की नई सोच’’ को दिखाता है।       

उन्होंने कहा, ‘‘मैं देखता हूं कि परिसर ने नई और आश्चर्यजनक उपलब्धि हासिल की है। भारत में कई ऐसे क्षेत्र थे जिनमें निजी सेक्टरों की प्रतिभागिता लगभग न के बराबर थी और रक्षा क्षेत्र उनमें से एक था।’’       

मंत्री ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत सरकार ने कई कदम उठाए हैं जिनसे देश भविष्य में हथियार निर्यातक बनेगा।       

उन्होंने कहा कि सरकार ने रक्षा से जुड़े उत्पादनों के लिए लाइसेंस देने की प्रक्रिया को आसान किया है और दो रक्षा औद्योगिक गलियारे बनाए हैं तथा रक्षा मंत्रालय में एक रक्षा निवेशक प्रकोष्ठ भी बनाया गया है।       

मंत्री ने कहा, ‘‘आज, जब मैं के-9 वज्र-टी तोप को देखता हूं तो मैं मजबूत तोप देखता हूं लेकिन इससे ज्यादा मैं एक मजबूत भारत देखता हूं..रक्षा में, यह ‘मेक इन इंडिया’ का बेहतरीन उदाहरण है।’’       

लार्सन एंड टुब्रो ने रक्षा मंत्री को के-9 वज्र-टी तोप की मारक क्षमता के विभिन्न प्रदर्शन दिखाए। सिंह इस तोप में बैठे और इसे हजीरा परिसर के आसपास चलाया गया।      

इस तोप का वजन 50 टन है और यह 47 किलोग्राम के गोले 43 किलोमीटर की दूरी तक के लक्ष्यों पर दाग सकती है। यह स्वचालित तोप शून्य त्रिज्या पर भी घूम सकती है।       

रक्षा मंत्रालय ने केंद्र की ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारतीय सेना के लिए एल एंड टी कंपनी को 2017 में के9 वज्र-टी 155मिमी/52 कैलीबर तोपों की आपूर्ति के वास्ते 4,500 करोड़ रुपये का करार दिया था जिसके तहत इस श्रेणी की 100 तोपों की आपूर्ति की जानी है।  

   

मंत्रालय द्वारा किसी निजी कंपनी को दिया गया यह सबसे बड़ा सौदा है जिसके तहत 42 महीने में 100 तोप उपलब्ध कराई जानी हैं।      

तोप पर रक्षा मंत्री ने तिलक लगाया और कुमकुम से ‘स्वास्तिक’ का निशान बनाया। पूजा के दौरान उन्होंने तोप पर फूल भी चढाए और नारियल भी फोड़ा।

 

भाषा
हजीरा (गुजरात)


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