सुप्रीम कोर्ट का जांच समिति गठन से इनकार
सुप्रीम कोर्ट ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसक विरोध की घटनाओं की जांच के लिए शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में समिति गठित करने से मंगलवार को इनकार कर दिया।
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अदालत ने कहा कि इस तरह की समितियां संबंधित उच्च न्यायालय द्वारा गठित की जा सकती हैं। शीर्ष अदालत ने सभी याचिकाकर्ताओं को राहत और जांच समितियों के गठन के लिए संबंधित राज्यों के उच्च न्यायालय जाने का निर्देश दिए जहां हिंसा की घटनाएं हुई हैं।
प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत की तीन सदस्यीय पीठ ने अपने आदेश में इस तथ्य का उल्लेख किया कि याचिकाकर्ताओं के प्रत्येक आरोप का केन्द्र की ओर से सालिसीटर जनरल तुषार मेहता ने खंडन किया है।
पीठ ने कहा कि याचिकाकर्ताओं की चिंता दो बातों को लेकर मुख्य रूप से है। पहला तो अंधाधुंध तरीके से छात्रों की गिरफ्तारी और घायल छात्रों का ठीक से इलाज नहीं होना। पीठ ने कहा कि सालिसीटर जनरल के अनुसार अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के सिर्फ दो छात्रों को ही अस्पताल में दाखिल किया गया है और उनका विश्वविद्यालय के अस्पताल में इलाज चल रहा है।
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