LAC की भिन्न धारणाओं की वजह से होता है चीन की ओर से उल्लंघन: रक्षा मंत्री
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को लोकसभा में कहा कि चीन के साथ वास्तविक नियंत्रणरेखा को लेकर अलग-अलग धारणाएं होने की वजह से अतिक्रमण की घटनाएं होती हैं लेकिन सीमा सुरक्षा को लेकर किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है और सेनाएं पूरी तरह चौकस हैं।
![]() रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह |
शून्यकाल में कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी ने चीनी सेना के कथित रूप से भारतीय क्षेत्र में आने की घटनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि पाकिस्तान के खिलाफ हमारा रुख आक्रामक रहता है, लेकिन उसे मदद देने वाले चीन के खिलाफ सरकार का रुख नरमी वाला लगता है।
उन्होंने कहा कि चीन के मामले में सरकार का रवैया हताशा पैदा करने वाला है और उसके खिलाफ इतनी नरमी क्यों है?
इस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, ‘‘मैं सदन को और सदन के माध्यम से देश को आश्वस्त करना चाहता हूं कि सीमा सुरक्षा को लेकर सेनाएं पूरी तरह चौकस हैं। वे किसी भी चुनौती का सामना करने में सक्षम हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘सीमा सुरक्षा को लेकर सरकार पूरी तरह जागरूक है। किसी को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है।’’
सिंह ने कहा कि चीन के साथ इस तरह की घटनाओं का मूल कारण दोनों देशों के बीच कोई निर्धारित वास्तविक नियंत्रणरेखा (एलएसी) नहीं होना है। एलएसी को लेकर दोनों देशों की अलग-अलग धारणाएं हैं और उसी के चलते कई बार चीनी पीएलए के जवान हमारी सीमा के अंदर आ जाते हैं तो कई बार हमारे लोग भी उस तरफ चले जाते हैं।
उन्होंने कहा कि दोनों देशों की सेनाएं टकराव की स्थिति होने पर भी सूझबूझ का परिचय देती हैं और गतिरोध को बढ़ने नहीं देतीं।
रक्षा मंत्री ने कहा कि इस तरह की स्थिति से निपटने के लिए कई प्रणाली हैं जिनमें अतिक्रमण, उल्लंघन के मुद्दों को सुलझाया जाता है। इनमें एनएसए के बीच वार्ता, राजनयिक स्तर पर वार्ता और संयुक्त सचिव स्तर पर वार्ता आदि शामिल हैं।
सिंह ने बताया कि चीन की सीमा पर सुरंग आदि बुनियादी ढांचों का भी विकास किया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि देश की सुरक्षा को लेकर समय-समय पर सरकार समीक्षा करती है और उसी अनुसार निर्णय भी लेती है।
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