महाराष्ट्र में लोकतंत्र खत्म करने की बेशर्म कोशिश हुई : सोनिया

Last Updated 29 Nov 2019 04:43:36 AM IST

कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने महाराष्ट्र के हालिया राजनीतिक घटनाक्रमों को लेकर बृहस्पतिवार को भाजपा पर जमकर निशाना साधा।


कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी (file photo)

उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में लोकतंत्र को खत्म करने का बेशर्मी से प्रयास किया गया और राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं गृहमंत्री अमित शाह के निर्देश पर काम किया।
पार्टी संसदीय दल की बैठक में सोनिया ने यह भी कहा कि राज्य में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन को विफल करने का हर प्रयास किया गया, लेकिन उच्चतम न्यायालय में अपील की गई और मोदी-शाह सरकार पूरी तरह बेनकाब हो गयी। उन्होंने कहा कि भाजपा के प्रयासों को विफल करने के लिए तीनों पार्टियां एकजुट हैं। श्रीमती गांधी ने कहा कि भाजपा और शिवसेना का गठबंधन भाजपा नेताओं के अति विश्वास एवं अहंकार के कारण टूटा है। 

अर्थव्यवस्था में कुप्रबंधन : सोनिया ने नरेंद्र मोदी सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए आरोप लगाया कि अर्थव्यवस्था में कुप्रबंधन व्याप्त है। उन्होंने कहा कि राजग सरकार बदले की भावना से काम  कर रही है। पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम को 100 दिन तक जेल में रखना इसका ज्वलंत उदाहरण है। पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं से एकजुट होने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें मोदी-शाह के शासन के खिलाफ एकजुटता से खड़े हो जाना चाहिए। हमारी पार्टी प्रत्येक जंग पूरी ताकत से लड़ेगी और एकजुटता से हर स्थिति बदल देगी। सरकार की आर्थिक नीतियों के खिलाफ देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और इनका समापन दिल्ली में 14 दिसम्बर को एक सभा से होगा। मोदी-शाह को अर्थव्यवस्था के बारे में कुछ जानकारी नहीं है और वे दोनों अर्थव्यवस्था की  चुनौतियों के बारे में नहीं जानते हैं। आर्थिक खतरा दिन प्रतिदन बढ़ता जा  रहा है। बेरोजगारी बढ़ रही है और निवेश नहीं हो रहा है। ग्रामीण क्षत्रा  में किसान, कारोबारी और अन्य लोग बदहाल  हैं। निर्यात घट रहा है और आयक  वस्तुओं की कीमतें बढ़ रही हैं। उन्होंने कहा कि समस्याओं के समाधान की बजाय  सरकार आंकड़ों की हेरा फेरी में लगी है या उन्हें छिपा रही है।

जम्मू-कश्मीर की हालत पर चिंता : उन्होंने जम्मू-कश्मीर की हालत पर चिंता जताते हुए कहा कि राज्य के पूर्व  मुख्यमंत्री फारुक अब्दुल्ला को हिरासत में रखा हुआ है। भाजपा से अलग सोच रखने वाले लोगों को कठिन दौर से गुजरना पड़ रहा है। उन्होंने नागरिकता अधिनियम में संशोधन के प्रयासों की आलोचना की और कहा कि इससे संविधान के  आधार पर चोट होगी। इसमें संशोधन से पूर्वोत्तर क्षेत्र में अशांति फैल  जाएगी। उन्होंने चुनावी बांड की आलोचना करते हुए कहा कि इसका निर्णय आरबीआई की सलाह के बगैर लिया गया। यह भाजपा को लाभ देने और पूंजीपतियों के संरक्षण के लिए लायी गयी है। उन्होंने  व्हाटऐप पर जासूसी की खबरों पर भी चिंता प्रकट की।

सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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