ठाकरे वंश के पहले मुख्यमंत्री बने उद्धव
महाराष्ट्र में करीब एक माह तक चला राजनीतिक ड्रामा शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के गुरुवार को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही समाप्त हो गया। शिवसेना प्रमुख ठाकरे परिवार के पहले और राज्य के 19वें मुख्यमंत्री बन गये हैं।
![]() ठाकरे वंश के पहले मुख्यमंत्री |
राज्य में शिवसेना, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और कांग्रेस गठबंधन की सरकार बनी है जिसे ‘महा विकास अघाड़ी’ नाम दिया गया, जिसके शिवसेना प्रमुख ठाकरे परिवार के पहले और राज्य के 19वें मुख्यमंत्री बने।
शिवसेना के संस्थापक एवं अपने पिता बाला साहेब ठाकरे से राजनीति का ककहरा सीखने वाले श्री उद्धव ठाकरे के राजनीति में आने से पूर्व शिवसेना के उत्तराधिकारी के रूप में उन्हें शायद ही कोई जानता था। यह एक महत्वपूर्ण तथ्य है कि श्री ठाकरे ने कभी भी सक्रिय राजनीति में अपना ध्यान नहीं लगाया। वह स्वयं को वन्यजीव फोटोग्राफी में ही व्यस्त रखते थे। वह एक प्रसिद्ध फोटोग्राफर हैं और वाषिर्क प्रदर्शनियों में उनकी तस्वीरों को काफी महत्व दिया जाता रहा है। वन्य जीवों के बेहतरीन चित्रो को देखकर उनकी प्रतिभा का अंदाजा लगाया जा सकता है।
श्री ठाकरे ने उस समय अप्रत्याशित रूप से सुर्खियां प्राप्त की जब उन्हें शिवसेना का अगला प्रमुख बनाये जाने की घोषणा की गयी थी। उन्होंने 2002 के बीएमसी चुनाव में पार्टी की जीत के साथ शिवसेना को एक प्रमुख स्थान दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की जिसके बाद उनके पिता ने उन पर पार्टी में एक जिम्मेदार भूमिका निभाने के लिए जोर डाला।
श्री उद्धव ठाकरे का जन्म 27 जुलाई 1960 को मुंबई में हुआ था। उनके परिवार में पत्नी रश्मि ठाकरे और दो बेटे हैं। उनके बड़े बेटे का नाम आदित्य ठाकरे है और वह युवा सेना के अध्यक्ष हैं जबकि दूसरे बेटे तेजस अमेरिका के कॉलेज में पढ़ रहे हैं। वह अपने पिता और बड़े भाई की तुलना में प्रचार और जनसंपर्क से दूर ही रहते हैं।
वर्ष 2003 में श्री उद्धव ठाकरे को पार्टी का कार्यकारी अध्यक्ष घोषित किया गया।
शिवसेना के मुखपा मराठी अखबार सामना का प्रबंधन श्री उद्धव ठाकरे ही कर रहे हैं। इस पा की स्थापना श्री बाला साहेब ठाकरे ने की थी। जून 2006 के बाद से श्री उद्धव ठाकरे इस समाचार पत्र के मुख्य संपादक हैं।
वर्ष 2006 में श्री बाला साहेब ठाकरे के भतीजे श्री राज ठाकरे ने शिवसेना छोड़ दी थी। श्री उद्धव ठाकरे ने वर्ष 2012 में फिर से बीएमसी चुनाव में जीत के लिए शिवसेना का नेतृत्व किया। उन्होंने पार्टी की आक्रामक छवि में व्यापक परिवर्तन किया है। उन्होंने ‘महाराष्ट्र देशा’ और ‘पहावा विट्ठल’ नाम की पुस्तकें भी लिखी हैं।
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