जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक संशोधन विधेयक राज्यसभा में होगा पेश

Last Updated 19 Nov 2019 11:15:29 AM IST

जलियांवाला बाग से संबंधित एक संशोधन विधेयक मंगलवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा, जिसके जरिए जलियांवाला बाग राष्ट्रीय स्मारक के न्यासी के रूप में कांग्रेस अध्यक्ष को हटाए जाने का प्रावधान किया गया है। यह विधेयक लोकसभा में पहले ही पारित हो चुका है।


जलियांवाला बाग (फाइल फोटो)

इस विधेयक के अनुसार, न्यासी के रूप में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष को हटाकर लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष को रखने का प्रावधान किया जाना है।

इस मसौदा कानून में यह प्रावधान है कि अगर विपक्ष का कोई नेता नहीं है तो सबसे बड़ी विपक्षी पार्टी के नेता को न्यासी बनाया जाएगा।

यह कदम जलियांवाला बाग नरसंहार के शताब्दी समारोह के दौरान उठाया गया था। ब्रिटिश सैनिकों ने 12 अप्रैल, 1919 को अमृतसर में निहत्थे लोगों की शांतिपूर्ण सभा पर गोलीबारी की थी।

इससे पहले इस विधेयक को 16वीं लोकसभा के शीतकालीन सत्र में पारित किया गया था, लेकिन राज्यसभा ने इसे खारिज कर दिया था।

वर्तमान व्यवस्था के अनुसार, न्यास के अध्यक्ष प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। इसके अलावा कांग्रेस अध्यक्ष, केंद्रीय संस्कृति मंत्री, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष के साथ ही पंजाब के मुख्यमंत्री और राज्यपाल इसमें बतौर न्यासी शामिल हैं।

विधेयक को लोकसभा में 214 सदस्यों का समर्थन मिला, जबकि कांग्रेस, आरएसपी, राकांपा, टीएमसी और द्रमुक सहित विपक्ष द्वारा किए गए बहिर्गमन के बाद 30 सदस्यों ने इसके खिलाफ मतदान किया। इस पर कानून बनाने के लिए अब इस विधेयक को राज्यसभा में भी पारित होना होगा।

आईएएनएस
नई दिल्ली


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