उद्धव बोले- शिवसेना, कांग्रेस और NCP साथ मिलकर खोज लेंगे सरकार बनाने का फॉर्मूला
शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी मिलकर सरकार बनाने का रास्ता खोज लेंगे।
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मंगलवार को एक संवाददाता सम्मलेन को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी से पहली बार 11 नवंबर को संपर्क किया था।
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस और एनसीपी की तरह ही शिवसेना को भी न्यूनतम साझा कार्यक्रम पर स्पष्टीकरण की आवश्यकता है। शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी से पहली बार सोमवार को संपर्क किया था। इससे भाजपा का यह आरोप गलत साबित होता है कि शिवसेना चुनाव परिणाम के बाद से ही कांग्रेस और एनसीपी के संपर्क में थी।’’
सोमवार को शिवसेना राज्यपाल के सामने सरकार बनाने के लिए जरूरी एनसीपी और कांग्रेस का समर्थन पत्र प्रस्तुत नहीं कर पायी थी। ठाकरे ने आरोप लगाया कि भाजपा को दी गयी समयसीमा समाप्त होने से पहले ही शिवसेना को सरकार बनाने का न्योता दिया गया।
ठाकरे ने राज्यपाल पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘महाराष्ट्र के राज्यपाल ने भाजपा को दी गयी समयसीमा समाप्त होने से पहले ही हमें सरकार बनाने के लिए पत्र दिया। जब हमने राज्यपाल से और समय मांगा तो उन्होंने नहीं दिया। हमने राज्यपाल से 48 घंटे मांगे थे लेकिन अब लगता है कि उन्होंने हमें सरकार बनाने के लिए पर्याप्त छह महीने दे दिए हैं।’’ हिंदुत्व के प्रति शिवसेना की प्रतिबद्धता दोहराते हुए उन्होंने कहा कि विभिन्न विचारधाराओं वाले दलों ने भाजपा के साथ मिलकर सरकार बनाई है।
उद्धव ने कहा, ‘‘मैंने इस विषय पर जानकारी मंगाई है कि भाजपा ने किस प्रकार अपनी विचारधारा के विपरीत चलने वाले महबूबा मुफ्ती, नीतीश कुमार, चंद्रबाबू नायडू और रामविलास पासवान के साथ गठबंधन किया। इससे मुझे कांग्रेस और एनसीपी को साथ लेकर चलने में आसानी होगी।’’
भाजपा के साथ शिवसेना का गठबंधन टूटने के प्रश्न पर ठाकरे ने कहा, ‘‘यदि गठबंधन टूटता है तो यह उनके कारण होगा मेरे कारण नहीं। उन्होंने झूठ बोला और मुझे झूठा साबित करने की कोशिश की।’’
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का पद विधानसभा चुनाव के पहले ही तय हो गया था लेकिन भाजपा ने अपना वादा नहीं निभाया।
ठाकरे ने कहा, ‘‘आप राम मंदिर के समर्थन में हैं और वादे तोड़ते हैं तो यह सच्चा हिंदुत्व नहीं है।’’
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