नेशनल हेराल्ड के आलेख पर कांग्रेस की आलोचना
कांग्रेस ने अयोध्या फैसले का स्वागत किया है, लेकिन अगले दिन पार्टी के मुखपत्र 'नेशनल हेराल्ड' में पार्टी के रुख के विपरीत एक आलेख छपने के कारण पार्टी की आलोचना होने लगी है।
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कांग्रेस ने अयोध्या फैसले पर कहा था कि वह राम मंदिर के निर्माण के पक्ष में है। लेकिन उसकी आलोचना नेशनल हेराल्ड में छपे एक लेख में यह कहे जाने को लेकर हो रही है "सुप्रीम कोर्ट ने वैसा ही फैसला दिया, जैसा विश्व हिंदू परिषद और भाजपा चाहती थी।"
भाजपा ने जब इसे मुद्दा बनाकर कांग्रेस पर हमला किया, तब नेशनल हेराल्ड ने विवादित आलेख को अपनी वेबसाइट से हटा दिया और सोशल मीडिया से इसके लिंक को भी डिलीट कर दिया।
नेशनल हेराल्ड ने एक माफीनामा ट्वीट किया है, जिसमें कहा गया है, "अगर आलेख से हिंदू भक्तों या किसी समूह की भावनाएं आहत हुई हैं तो हम माफी मांगते हैं। आलेख में व्यक्त किए गए विचार एक लेखक की निजी राय है, नेशनल हेराल्ड की नहीं।"
कांग्रेस नेतृत्व द्वारा नाखुशी जाहिर किए जाने के बाद एडिटर-इन-चीफ ने माफीनामा जारी किया गया।
सूत्रों का कहना है कि उस आलेख को नेशनल हेराल्ड द्वारा वेबसाइट पर अपलोड किए जाने को लेकर पार्टी नेतृत्व नाराज है।
नेशनल हेराल्ड के ट्रस्ट में मोतीलाल वोरा भी शामिल हैं, लेकिन राजाना के मामलों के प्रबंधन की जिम्मेदारी राहुल गांधी के करीबी सहयोगी कनिष्क सिंह को मिली हुई है।
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