‘चेन्नई संपर्क’ के साथ भारत-चीन सहयोग का नया युग शुरू होगा : मोदी

Last Updated 12 Oct 2019 11:12:52 AM IST

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ पिछले दो दिनों में कई सत्रों में हुई आमने-सामने की करीब साढ़े पांच घंटे की बातचीत के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कहा कि ‘चेन्नई संपर्क’ के जरिए भारत और चीन के संबंधों में सहयोग का आज से एक नया युग शुरू होने जा रहा है।


अनौपचारिक शिखर वार्ता के दूसरे और अंतिम दिन महाबलीपुरम के एक लक्जरी रिजॉर्ट में शी के साथ शिष्टमंडल स्तर पर हुई अपनी बातचीत में मोदी ने ध्यान दिलाया कि भारत और चीन पिछले 2,000 साल में ज्यादातर समय वैश्विक आर्थिक शक्तियां रहें हैं और धीरे-धीरे उस चरण की तरफ लौट रहे हैं।      

मोदी ने पिछले साल चीनी शहर वुहान में शी के साथ अपनी पहली अनौपचारिक शिखर वार्ता के परिणामों का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘वुहान की भावना ने हमारे संबंधों को नयी गति एवं विास प्रदान किया। ‘चेन्नई संपर्क’ के जरिए आज से सहयोग का नया युग शुरू होगा।’’     

प्रधानमंत्री ने कहा कि वुहान में पहली अनौपचारिक वार्ता के बाद से दोनों देश के बीच रणनीतिक संचार बढा है।      

मोदी ने कहा, ‘‘हमने मतभेदों को विवेकपूर्ण ढंग से सुलझाने और उन्हें विवाद का रूप नहीं लेने देने का निर्णय किया है। हमने तय किया है कि हम एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशील रहेंगे।’’     

शिष्टमंडल स्तर की वार्ताओं से पहले, शी और मोदी के बीच फिशरमैन कोव रिजॉर्ट में आमने-सामने की करीब एक घंटे बातचीत हुई जिसमें द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाने के लिए संबंधों को नये सिरे से निखारने की मंशा का स्पष्ट संकेत दिया गया।      

दोनों नेताओं को समुद्र तट के पास चहलकदमी करने के दौरान भी बातचीत करते देखा गया। इससे पहले मोदी और शी एक गोल्फ गाड़ी में सवार होकर साथ में रिजॉर्ट पहुंचे।      

भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा वापस ले लेने और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांटने के फैसले के बाद दोनों देश के बीच तनाव बढ़ने के बीच शी शुक्रवार को यहां पहुंचे थे।     

शुक्रवार को मोदी और शी ने रात्रिभोज के दौरान करीब ढाई घंटे बातचीत की थी। उन्होंने आतंकवाद और कट्टरवाद से मिलकर निपटने और द्विपक्षीय संबंधों को नए आयाम देने की प्रतिबद्धता जताई थी।    

अधिकारियों ने बताया कि इस तटीय शहर में समुद्र के किनारे भव्य महाबलीपुरम मंदिर परिसर में स्थित एक रंगबिरंगे खेमे में कल हुई बैठक तय समय से काफी लंबी चली। इस दौरान दोनों नेताओं ने तमिलनाडु के स्थानीय स्वादिष्ट व्यंजनों का आनंद लेते हुए जटिल मामलों समेत कई विषयों पर बातचीत की।     

विदेश सचिव विजय गोखले ने बैठक के बाद कहा था, ‘‘दोनों नेताओं ने बिना किसी सहयोगी के एक साथ अच्छा वक्त गुजारा।’’     

उन्होंने बताया कि दोनों नेताओं ने व्यापार घाटे और व्यापार में असंतुलन पर भी बातचीत की।    

इससे पहले शुक्रवार की दोपहर तमिलनाडु की पारपंरिक वेशभूषा ‘वेष्टि’ (धोती), सफेद कमीज और अंगवस्त्रम पहने मोदी ने अच्छे मेजबान की भूमिका निभाते हुए शी को इस प्राचीन शहर की विश्व प्रसिद्ध धरोहरों ‘अर्जुन तपस्या स्मारक’, ‘नवनीतपिंड’ (कृष्णाज बटरबॉल), ‘पंच रथ’ और ‘महाबलीपुरम मंदिर’ के दर्शन कराए।     

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया, ‘‘यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल पर अनौपचारिक शिखर वार्ता की यह सहज प्रकृति आगे भी जारी रहेगी और यह उच्चतम स्तर पर संपर्कों को गहरा करेगी और भारत-चीन संबध के भविष्य के मार्ग को निर्देशित करेगी।’’     

इस बीच भारत ने चीनी यात्रियों के लिए बहु प्रवेश केंद्र के साथ पांच साल का पर्यटक ई-वीजा देने की घोषणा की। यह घोषणा राष्ट्रपति शी के दौरे के दौरान की गई।      

बीजिंग में भारतीय दूतावास की ओर से जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया, ‘‘ऐसा अनुमान है कि चीनी नागरिकों के लिए ई-टूरिस्ट वीजा में दी गई यह एकतरफा ढील दोनों देश के बीच आपसी संपर्क को बढ़ाएगा और चीनी पर्यटकों को पर्यटन के लिए भारत को चुनने के लिए प्रोत्साहित करेगा।’’     

चीन की सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने खबर दी कि शी और मोदी ने शुक्रवार को अपनी मुलाकात के दौरान संयुक्त विकास और समृद्धि हासिल करने के लिए दोनों देश के बीच आपसी संपर्क और परस्पर शिक्षा को बढ़ावा देने पर सहमति जताई।     

भारत-चीन में सांस्कृतिक एवं वैचारिक आदान-प्रदान की बहुत गुंजाइश है, इस बात पर ध्यान दिलाते हुए चीनी राष्ट्रपति ने दोनों देशों से आग्रह किया कि वे कूटनीतिक संबंधों की अगले साल होने वाली 70वीं वर्षगांठ को, व्यापक और गहरे सांस्कृतिक और आपसी संपर्क बढ़ाने के अवसर के तौर पर लें।     

मोदी के साथ महाबलीपुरम में धरोहरों का दौरा करते हुए शी ने कहा कि प्राचीन ‘रेशम मार्ग’ में जहाजी माल के लिए समुद्री पारगमन केंद्र रहे तमिलनाडु का चीन के साथ संपर्क का लंबा इतिहास रहा है और प्राचीन वक्त से ही समुद्री व्यापार पर चीन के साथ उसके करीबी संबंध रहे हैं।      

अपने भारत दौरे से दो दिन पहले शी ने बीजिंग में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ वार्ता की थी।     

दोनों तरफ के अधिकारियों ने कहा कि मोदी-शी शिखर वार्ता का मकसद दोनों देशों के बीच के मतभेदों को परे रख आगे बढ़ने और विकास का नया मार्ग तलाशना है।      

सूत्रों का कहना है कि दोनों नेता शनिवार को वार्ता के समापन के बाद कुछ निर्देश जारी कर सकते हैं जैसा कि उन्होंने पिछले साल वुहान में किया था।

 

भाषा
महाबलीपुरम


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