वांग यी, जयशंकर और डोवाल पर भी रहेंगी नजरें

Last Updated 11 Oct 2019 11:57:23 AM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच शुक्रवार से तमिलनाडु के महाबलीपुरम में होने वाली बैठक में दोनों नेताओं के अलावा चीन के विदेश मंत्री वांग यी, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल पर भी सभी की नजरें होंगी।


वांग यी, जयशंकर और डोवाल

दोनों देशों को इस बैठक से काफी उम्मीदें है। चीन की ओर से हालांकि बैठक से ठीक पहले कश्मीर पर बयान के बाद थोड़ी टकराव की स्थिति जरूर बनी है, लेकिन 2017 में डोकलाम विवाद और वुहान में 2018 में हुए पहले गैर-आधिकारिक बैठक के बाद दोनों देशों की सीमाओं में कथित रूप से शांति बनी हुई है।     

मोदी और चीनी राष्ट्रपति के बीच बैठक में संभवत: सीमा सुरक्षा से जुड़े मुद्दे, व्यापार और दोनों देशों के बीच रिश्ते बेहतर करने की दिशा में संयुक्त सेना अभ्यास को लेकर बातचीत हो सकती है।

डोवाल और वांग के बीच सितंबर में नयी दिल्ली में मुलाकात होनी थी लेकिन चीन द्वारा मोदी सरकार के जम्मू-कश्मीर से संविधान के अनुच्छेद 370 हटाने को लेकर दिए गए विवादास्पद बयान के बाद दोनों के बीच मुलाकात स्थगित हो गयी थी।

मोदी और जिनपिंग के बीच बैठक में हालांकि डोभाल और वांग के बीच अगले दौर की मुलाकात पर कोई निर्णय लिया जा सकता है। डोवाल और वांग तेजतर्रार छवि के रूप में जाने जाते हैं और वांग ने भी कश्मीर पर वही राग अलापा था जैसा पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में कहा था।     

जयशंकर चीन मामलों के अच्छे जानकार के रूप में जाने जाते हैं और ऐसा माना जाता है कि दोनों देशों के बीच रिश्ते जब अच्छे नहीं थे उस वक्त जयशंकर ने ही मोदी और जिनपिंग के बीच गैर-आधिकारिक बैठक की योजना बनायी थी।

जयशंकर को करीब से जानने वाले लोगों के अनुसार उन्हें मोदी सरकार में उनकी काबिलियत के आधार पर शामिल किया गया था। उनकी पहचान जमीनी हकीकत से मुखातिब होकर धैर्य रखने वाले लोगों में से है। जाहिर है कि मोदी और जिनपिंग के बीच दो दिनों में बैठक के दौरान जयशंकर के कौशल की भी परीक्षा होगी।     

 

वार्ता
महाबलीपुरम


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