मुंबई: आरे में पेड़ों की कटाई को लेकर विरोध प्रदर्शन के बाद धारा 144 लागू

Last Updated 05 Oct 2019 11:43:49 AM IST

मुम्बई पुलिस ने आरे कॉलोनी में पेड़ों की कटाई को लेकर हुए प्रदर्शन के बीच शनिवार सुबह कॉलोनी और उसके आसपास के इलाकों में दण्ड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 144 लागू कर दी, जिसके बाद 29 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है।


पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर ली है और किसी को वहां आने की अनुमति नहीं है।     

अधिकारी ने बताया कि अप्रिय घटनाओं को रोकने के लिए अतिरिक्त पुलिस कर्मियों को भी वहां तैनात किया गया है।     

पुलिस अधिकारी ने बताया कि 29 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनमें से छह महिलाएं हैं। इनमें से कई ने मौके पर तैनात आरे पुलिस के साथ हाथापाई की थी।     

अधिकारियों ने बताया कि पुलिस ने शुक्रवार रात से अभी तक 38 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ भारतीय दंड विधान (आईपीसी) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।     

अन्य एक अधिकारी ने बताया कि पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 60 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया था। हिरासत में लिए गए लोगों में शिवसेना की प्रियंका चतुर्वेदी भी शामिल हैं।    

इस कार्रवाई के लिए विपक्षी दलों ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन नीत राज्य सरकार पर निशाना भी साधते हुए कहा कि वे पेड़ों को बचाने में नाकाम रहे हैं।     

शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने भी एमएमआरसीएल की कार्रवाई की आलोचना करते हुए कहा कि वह ‘धूर्तता और तेजी से’ एक पारिस्थितिकी तंत्र को काट रहा है जो कि ‘शर्मनाक और घिनौना’ है।     

उन्होंने कहा कि मेट्रो अधिकारियों को आतंकवादी संगठनों को तबाह करने के लिए पीओके में तैनात करना चाहिए।     

उच्च न्यायलय ने उत्तरी मुम्बई के हरित क्षेत्र में मेट्रो की पार्किंग बनाने के लिये पेड़ों की कटाई के खिलाफ दायर चार याचिकाओं को खारिज कर दिया था। इसके कुछ घंटों बाद मुम्बई मेट्रो रेल निगम लिमिटेड (एमएमआरसीएल) ने शुक्रवार देर रात पेड़ों की कटाई शुरू कर दी।     

एमएमआरसीएल द्वारा पेड़ों की कटाई शुरू करते ही सैकड़ों पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन कर उन्हें रोकने की कोशिश की।     

मुम्बई पुलिस के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमने आरे कॉलोनी, गोरेगांव नाके और उसके आसपास के इलाकों में सीआरपीसी की धारा 144 लगा दी है।’’     

उन्होंने बताया कि आईपीसी की धारा 358, 332, 143 और 149 के तहत 38 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है।     

अधिकारियों ने बताया कि पार्किंग बनाने के लिए की जा रही पेड़ों की कटाई के खिलाफ प्रदर्शन करने सैकड़ों लोग यहां एकत्रित हुए थे। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को बल का प्रयोग भी करना पड़ा।     

उन्होंने बताया कि स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लेना शुरू किया।           

पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने प्रशासन की आलोचना करते हुए दावा किया कि अब तक लगभग 200 पेड़ काटे जा चुके हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मेट्रो निगम दस अक्टूबर से पहले काम खत्म करना चाहता है। इसी दिन राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) में मामले की सुनवाई होनी है।     

पर्यावरण कार्यकर्ता स्टालिन डी ने कहा, ‘‘एनजीटी दस अक्टूबर को इस मामले पर सुनवाई करेगा और हमें वहां से कुछ राहत मिलने की उम्मीद है। लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि वे सुनवाई से पहले ही पेड़ों की कटाई का काम खत्म करना चाहते हैं।’’     

महाराष्ट्र विधानसभा में वर्ली से अपनी किस्मत आजमां रहे ठाकरे ने प्रदर्शनकारियों को अपना समर्थन दिया है।     

उन्होंने कहा, ‘‘ मुम्बई मेट्रो3 (चरण) जिस ताकत के साथ एक पारिस्थितिकी तंत्र को धूर्तता और तेजी से काट रही है, वह शर्मनाक और घिनौना है। क्यों ना इन्हें पीओके में तैनात कर पेड़ों के बजाए आतंकवादी ठिकाने तबाह करने का काम दिया जाए?’’     

ठाकरे ने ट्वीट किया,‘‘ मेट्रो3 परियोजना का काम गर्व के साथ पूरा किया जाना चाहिए। मुम्बई मेट्रो3 का इसे रात के अंधेरे में, कड़ी सुरक्षा के बीच धुर्तता से करना शर्मनाक है.।’’   

 इस बीच, विपक्षी दल राकांपा और कांग्रेस ने भी शिवसेना और भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि भगवा दल आरे कॉलोनी में पेड़ों की रक्षा करने में नाकाम रहे हैं।     

ठाकरे पर तंज कसते हुए राकांपा ने कहा कि फर्जी पर्यावरण प्रेमी तब कहां थे जब पेड़ों को काटा जा रहा था।     

राकांपा के प्रवक्ता नवाब मलिक ने ट्वीट किया, ‘‘आरे में पेड़ों की कटाई कुछ नहीं बल्कि मुम्बई वासियों को लाचार बनाकर मार डालना है। शिवसेना पिछले 25 साल से परेशानी का कारण बनी हुई है। अब, वह भाजपा के साथ गठबंधन करके आम मुम्बई वासियों को तकलीफ दे रहे हैं।’’    

मलिक ने ठाकरे और भाजपा को टैग करते हुए लिखा, ‘‘कहां हैं वे पर्यावरण प्रेमी जो पेड़ों की कटाई के बीच प्लास्टिक पर प्रतिबंध का समर्थन कर रहे हैं।’’    

राकांपा के एक और नेता धनंजय मुंडे ने पेड़ों की हत्या की निंदा करते हुए राज्य सरकार पर इसके खिलाफ प्रदर्शन करने वाले लोगों की आवाज़ को दबाने का आरोप लगाया।     

राकांपा की सांसद सुप्रिया सुले ने सरकार पर अड़ियल रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री कार्यालय से इसी की ही उम्मीद थी।     

सुले ने ट्वीट किया, ‘‘आरे कॉलोनी की पेड़ों की कटाई पर अड़ियल रवैया अपना रही है। एक ओर जलवायु परिवर्तन पर बात करना और दूसरी ओर रात को चुपचाप पेड़ काटना सही नहीं है। मुख्यमंत्री कार्यालय से मुम्बई हरित क्षेत्र को बचाने के लिए सामने आने की बजाय यही करने की उम्मीद थी।’’   

 

दूसरी ओर कांग्रेस ने शिवसेना से पूछा कि क्या उसके लिये भाजपा के साथ गठबंधन, पेड़ों को बचाने से ज्यादा महत्वपूर्ण है।     

महाराष्ट्र कांग्रेस के प्रवक्ता सचिन सावंत ने ट्वीट किया, ‘‘शिवसेना यही समय है। आप सरकार में हैं, इसे बंद करा सकते हैं। क्या महायुति (महागठबंधन) पेड़ों के बड़े नुकसान से अधिक महत्वपूर्ण है?’’     

सावंत ने ठाकरे पर हमला करते हुए पूछा, ‘‘केम छो आरेफॉरेस्ट।’’

दरअसल आदित्य ठाकरे ने वर्ली इलाके में बैनर लगाए हैं जिस पर लिखा है ‘‘केम छो वर्ली?’’     

आम आदमी पार्टी की प्रवक्ता प्रीति शर्मा मेनन ने भी पेड़ों की कटाई को ‘आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन’ बताया है।

 

 

भाषा
मुंबई


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment