एससी-एसटी एक्ट को नरम नहीं किया जाएगा : सुप्रीम कोर्ट

Last Updated 03 Oct 2019 05:51:54 PM IST

सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को संकेत दिए कि वह अनुसूचित जाति (एससी)/अनुसूचित जनजाति (एसटी) (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम के कठोर प्रावधानों को नरम नहीं करने जा रहा है।


सुप्रीम कोर्ट

शीर्ष अदालत ने संशोधित अधिनियम की वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया। न्यायमूर्ति अरुण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने एससी/एसटी (अत्याचार रोकथाम) अधिनियम, 2018 को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अपना आदेश सुरक्षित कर लिया। यह अधिनियम सुप्रीम कोर्ट के 20 मार्च 2018 के आदेश को अमान्य घोषित करता है।

देश में मौजूदा जाति प्रथा की निंदा करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को 20 मार्च 2018 को दिए अपने आदेश को याद किया, जो एससी/एसटी अधिनियम के अंतर्गत गिरफ्तारी के प्रावधानों में राहत प्रदान करने में राहत प्रदान करता था।

शीर्ष कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान कहा कि अधिनियम के अंतर्गत आरोपी की अग्रिम जमानत याचिका पर रोक लगाने के लिए केंद्र द्वारा एससी/एसटी अधिनियम में किया गया संशोधन गैर जरूरी था। अदालत ने कहा कि उसके हालिया आदेश से अधिनियम के पुराने प्रावधान बहाल हो जाएंगे।



सुप्रीम कोर्ट ने यह संकेत भी दिया कि अगर पहली नजर में प्रतीत होता है कि शिकायत गलत है तो एससी/एसटी अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई से पहले पुलिस प्रारंभिक जांच कर सकती है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि वह चाहेगी कि कानून के कड़े प्रावधानों को बरकरार रखा जाए।

आईएएनएस
नई दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment