अयोध्या मामला: मुस्लिम पक्ष की दलील, हिन्दुओं के पास केवल राम चबूतरे का अधिकार
उच्चतम न्यायालय में अयोध्या विवाद की 33वें दिन की सुनवाई के दौरान एक मुस्लिम पक्ष ने कहा कि हिन्दुओं के पास केवल राम चबूतरे का अधिकार है।
![]() सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो) |
एक पक्ष मोहम्मद फारुख की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता शेखर नाफडे ने मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एस.ए. बोबडे, न्यायमूर्ति डी. वाई. चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस. अब्दुल नीर की संविधान पक्ष के समक्ष कहा कि हिन्दुओं के पास उस स्थान का सीमित अधिकार है। हिन्दुओं के पास चबूतरे का अधिकार तो है, लेकिन वे स्वामित्व हासिल करने की कोशिश कर रहे थे।
उन्होंने कहा कि हिंदुओं की ओर से लगातार अतिक्रमण की कोशिश की गई।
इससे पहले मुस्लिम पक्ष की वकील मीनाक्षी अरोड़ा ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट का फिर जिक्र किया। उन्होंने रिपोर्ट को महज विचार बताया जिसके आधार पर किसी नतीजे पर नहीं पहुंचा जा सकता।
अरोड़ा ने कहा कि एएसआई रिपोर्ट ऑपिनियन और अनुमान पर आधारित है। पुरातत्व विज्ञान, भौतिकी और रसायन विज्ञान की तरह विज्ञान नहीं है। प्रत्येक पुरातत्व विज्ञानी अपने अनुमान और ओपिनियन के आधार पर नतीजा निकलता है।
अरोड़ा की तरफ से उठाए गए सवालों पर न्यायमूर्ति बोबड़े ने कहा, ‘‘हमें पता है कि पुरातत्व विभाग की तरफ से निष्कर्ष निकाले जाते हैं। यहां असली सबूत कौन दे सकता है? हम यहां इसी आधार पर निर्णय ले रहे हैं कि किसका अनुमान सटीक है और क्या विकल्प हैं?’’
उनकी जिरह पूरी हो जाने के बाद नाफडे ने दलील शुरू की। करीब दो घंटे बहस करने के बाद न्यायमूर्ति गोगोई ने उनसे पूछा कि उनको जिरह पूरी करने में कितना समय लगेगा? नाफडे ने कहा उनको जिरह पूरी करने के लिए दो घंटे का समय और लगेगा। लेकिन मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि पहले से तय शेड्यूल में बदलाव नहीं होगा। बाद में नाफडे ने कहा कि वह 45 मिनट में अपनी जिरह पूरी कर लेंगे।
मुख्य न्यायाधीश ने नाराजगी जताते हुए कहा, ‘‘सुनवाई तय शेड्यूल के हिसाब से नहीं चल रही है।’’
दरअसल आज नाफडे को अपनी दलील पूरी कर लेनी थी, लेकिन अरोड़ा ने आज उनके हिस्से का भी समय ले लिया। अरोड़ा की दलील कल ही पूरी होनी थी।
आज की सुनवाई पूरी हो गई। अब अगली सुनवाई सोमवार को होगी।
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