रूस ने कश्मीर मुद्दे पर भारत के लिए अपनी ताकत झोंकी

Last Updated 28 Aug 2019 06:31:08 PM IST

रूस ने जम्मू कश्मीर के विशेष राज्य के दर्जे को वापस लिये जाने को बुधवार को भारत का संप्रभु निर्णय एवं अंदरूनी मामला करार दिया। साथ ही रूस ने भारत एवं पाकिस्तान के बीच बातचीत के माध्यम से लंबित मुद्दों के समाधान की वकालत की।


रूसी राजदूत निकोलाय कुदाशेव

रूसी राजदूत निकोलाय कुदाशेव ने कहा कि जम्मू कश्मीर पर भारत का फैसला देश के संविधान के अनुरूप है और रूस इस मुद्दे पर पूरी तरह अपने करीब सहयोगी के साथ है।      

उन्होंने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘ (जम्मू कश्मीर पर) भारत का फैसला एक संप्रभु निर्णय है जो उसके संविधान के अनुरूप है। इस मुद्दे हमारा रुख बिल्कुल भारत के रुख के समान है।’’

रूसी दूत ने कहा कि भारत और पाकिस्तान को बातचीत, शिमला समझौते एवं लाहौर घोषणापत्र के माध्यम से अपने सभी लंबित मुद्दों को हल करना चाहिए।      
रूसी दूतावास के उपप्रमुख रोमन बाबूसकिन ने कहा कि रूस ने 16 अगस्त को कश्मीर पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बंद कमरे में हुई बैठक में एक रुख अपनाया था कि यह भारत का अंदरुनी मामला है।      

उन्होंने कहा, ‘‘हमारा मत है कि भारत एवं पाकिस्तान को द्विपक्षीय तरीके से सभी मुद्दों का समाधान करना चाहिए।’’      

उन्होंने कहा कि जबतक भारत और पाकिस्तान अपने मुद्दों के समाधान के लिए मध्यस्थता की मांग नहीं करते तबतक उनके बीच के विवादों में रूस के लिए कोई भूमिका नहीं है।

    

इस महीने के प्रारंभ में भारत ने संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत जम्मू कश्मीर के विशेष दज्रे को खत्म कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में बांट दिया था।

भाषा
नयी दिल्ली


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