रामलला के वकील का SC में तर्क, हिंदुओं का विश्वास है कि अयोध्या राम का जन्मस्थान है

Last Updated 14 Aug 2019 12:40:23 PM IST

राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले की सुनवाई कर रहे उच्चतम न्यायालय में छठे दिन बुधवार को रामलला विराजमान के वकील ने कहा कि हिंदुओं का विश्वास है कि अयोध्या भगवान राम का जन्मस्थान है और न्यायालय को इसके तर्कसंगत होने की जांच के लिये इसके आगे नहीं जाना चाहिए।


सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

रामलला विराजमान की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता सी एस वैद्यनाथन ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष आगे दलीलें पेश कीं।

पीठ के सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबड़े, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस ए नजीर भी शामिल हैं।     

वैद्यनाथन ने पीठ से कहा, ‘‘हिंदुओं का विश्वास है कि अयोध्या भगवान राम का जन्मस्थान है और न्यायालय को इसके आगे जाकर यह नहीं देखना चाहिए कि यह कितना तार्किक है।’’     

वरिष्ठ अधिवक्ता ने मंगलवार को न्यायालय को बताया था कि भगवान राम की जन्मस्थली अपने आप में देवता है और मुस्लिम 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर अधिकार होने का दावा नहीं कर सकते क्योंकि संपत्ति को बांटना ईश्वर को ‘नष्ट करने’ और उसका ‘भंजन’ करने के समान होगा।     

‘रामलला विराजमान’ के वकील पीठ के उस सवाल का जवाब दे रहे थे जिसमें पूछा गया था कि अगर हिंदुओं और मुसलमानों का विवादित राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवादित स्थल पर संयुक्त कब्जा था, तो मुस्लिमों को कैसे बेदखल किया जा सकता है।     

संविधान पीठ इलाहाबाद उच्च न्यायालय के सितंबर, 2010 के फैसले के खिलाफ दायर 14 अपीलों पर सुनवाई कर रही है। उच्च न्यायालय ने चार दीवानी मुकदमों पर अपने फैसले में कहा था कि अयोध्या में 2.77 एकड़ भूमि को तीनों पक्षों- सुन्नी वक्फ बोर्ड, निर्मोही अखाड़ा और रामलला के बीच समान रूप से विभाजित किया जाना चाहिए।

भाषा
नयी दिल्ली


Post You May Like..!!

Latest News

Entertainment