जम्मू कशमीर पर पी चिदंबरम के दिए बयान पर भड़की बीजेपी
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं ने वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदम्बरम के उस बयान की तीखी आलोचना की है।
![]() कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री चिदम्बरम (फाइल फोटो) |
जिसमें उन्होंने (चिदम्बरम) कहा गया कि जम्मू कश्मीर के मुस्लिम बहुल प्रदेश होने के कारण ही संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाया गया है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय विधि मंत्री रविशंकर प्रसाद ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह एक दुर्भाज्ञपूर्ण बयान है। यह बयान केवल लोगों को भड़का सकता है।’’
उन्होंने कहा कि बीते वर्षों में कश्मीर में बहुत से लोगों की जानें गयी है और इनमें मुस्लिम भी शामिल हैं। अनुच्छेद 370 को हटाये जाने का निर्णय देशहित में लिया गया है। अनुच्छेद 370 के नाम पर इन सालों में मुस्लिमों को भेदभाव और अन्याय का सामना करना पड़ा। गुज्जर, बकेरवाला और अन्य जनजातियां आरक्षण के अधिकारों से वंचित रहे। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर की मुस्लिम महिलाओं को भी भेदभाव से सामना करना पड़ा।
डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी ने चिदम्बरम की खिंचायी करते हुए कहा कि देश को आजादी दिलाने का दावा करने वाली कांग्रेस पार्टी आज एक दुश्मन देश की राह पर चल रही है और वह देश पाकिस्तान है।
केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने सोनिया गांधी को अंतरिम कांग्रेस अध्यक्ष बनाये जाने पर भी कांग्रेस की खिंचायी की। उन्होंने कहा, ‘‘ इतिहास में यह पहला मौका है, जब मैंने सुना कि एक मां अपने बेटे की विरासत मिल रही है।’’ उन्होंने व्यंग्य किया कि चुनावों में पराजय के बाद राहुल गांधी के पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ने के फैसले पर अडिग रहने के कारण कांग्रेस कार्यसमिति ने सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष बनाने का निर्णय लिया।
गौरतलब है कि चिदम्बरम ने रविवार को कहा था कि अगर जम्मू कश्मीर में हिन्दुओं की संख्या अधिक होती तो भारतीय जनता पार्टी यह कदम नहीं कभी नहीं उठाती। उन्होंने केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर सत्ता के बल का उपयोग करते हुए जम्मू कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाने संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने के लिए तीखी आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि देश के 70 साल के इतिहास में किसी राज्य के टुकड़े कर केन्द्रशासित राज्य बना दिये जाने का वाकया पहले कभी नहीं हुआ।
उन्होंने इस मुद्दे को लेकर विपक्षी पार्टियों के रूख पर असंतोष जताया और कहा कि लोकसभा में भले ही बहुमत नहीं था, लेकिन अन्नाद्रमुक, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी, तेलंगाना राष्ट्र समिति, बीजू जनता दल, आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस और जनता दल(यूनाइटेड) ने सहयोग किया होता तो यह विधेयक राज्यसभा में पारित नहीं हो पाता। उन्होंने कहा कि विपक्ष का रवैया बहुत खेदजनक है।
कांग्रेसी नेता ने कहा कि जम्मू कश्मीर की स्थिति बहुत अशांत है। राज्य में इंटरनेट समेत तमाम संचार तंत्रों पर लगाम कस दिया गया है, जिससे सही वस्तुस्थिति की जानकारी सामने नहीं आ पा रही है।
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