अपने फैसलों पर पुनर्विचार करे पाकिस्तान : विदेश मंत्रालय

Last Updated 08 Aug 2019 01:02:55 PM IST

सरकार ने पाकिस्तान द्वारा द्विपक्षीय संबंधों के बारे में एकतरफा कदम उठाये जाने संबंधी रिपोर्टों पर गुरुवार को कहा कि यह खेदजनक है और पड़ोसी देश को इसपर पुनर्विचार करना चाहिए।


विदेश मंत्रालय ने यहां एक बयान में कहा कि ऐसी रिपोर्ट आयीं हैं कि पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों के बारे में कुछ एकतरफा कदम उठाने का निर्णय लिया है। इनमें राजनयिक संबंधों को घटाने की बात भी शामिल है।

मंत्रालय ने कहा है,‘‘पाकिस्तान द्वारा बुधवार को घोषित कदम खेदजनक हैं और भारत सरकार उससे इनकी समीक्षा करने का अनुरोध करती है ताकि राजनयिक संवाद के लिए सामान्य चैनल बने रहें।’’

बयान में कहा गया है कि जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे से संबंधित अनुच्छेद 370 के बारे में हाल में उठाया गया कदम पूरी तरह भारत का आंतरिक मामला है।

विदेश मंत्रालय ने कहा कि भारत का संविधान हमेशा से सम्प्रभु मामला रहा है और आगे भी रहेगा। इस अधिकार क्षेत्र में हस्तक्षेप कर क्षेत्र की चिंताजनक तस्वीर पेश करने की चाल कभी सफल नहीं होगी।          

मंत्रालय ने कहा, ‘‘भारत सरकार कल पाकिस्तान द्वारा घोषित कदमों की निंदा करती है और उस देश से इसकी समीक्षा करने को कहती है ताकि सामान्य राजनयिक चैनल को बनाये रखा जा सके।’’      

विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमने उन खबरों को देखा है जिनमें कहा गया है कि पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को लेकर कुछ एकतरफा फैसला किया है। इसमें हमारे राजनयिक संबंधों के स्तर में कटौती करना शामिल है।       

मंत्रालय ने कहा कि पाकिस्तान की ओर से उठाये गए इन कदमों का मकसद स्पष्ट रूप से दुनिया के सामने हमारे द्विपक्षीय संबंधों के लेकर चिंताजनक तस्वीर पेश करना है। पाकिस्तान ने जो कारण बताये हैं, वे जमीनी हकीकत के साथ मेल नहीं खाते।     

विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार और देश की संसद द्वारा हाल में लिये गए फैसले जम्मू कश्मीर में विकास के लिये अवसर सृजित करने की प्रतिबद्धता से जुड़े हैं जिनमे पहले संविधान का एक अस्थायी प्रावधान आड़े आ रहा था।   

बयान में कहा गया है कि इस फैसले के मद्देनजर लैंगिक, सामाजिक, आर्थिक भेदभाव को दूर किया जा सकेगा और जम्मू कश्मीर के सभी लोगों की आजीविका की संभावनाओं को बेहतर बनाया जा सकेगा।          

मंत्रालय ने कहा कि इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि जम्मू कश्मीर से जुड़े ऐसे घटनाक्रम को पाकिस्तान में नकारात्मक नजरिये से देखा जाता है और इन भावनाओं को सीमा पार से जारी आतंकवाद को उचित ठहराने के लिये किया जाता है।        

गौरतलब है कि भारत के साथ द्विपक्षीय राजनयिक संबंधों को कमतर करने का फैसला करने के कुछ ही देर बाद बुधवार को पाकिस्तान ने कश्मीर मुद्दे को लेकर भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को निष्कासित कर दिया था।      

पाकिस्तान ने यह कदम प्रधानमंत्री इमरान खान की अध्यक्षता में यहां हुई राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (एनएससी) की बैठक के बाद उठाया है, जिसमें भारत के साथ व्यापारिक रिश्तों को तोड़ने और ’द्विपक्षीय संबंधों’ की समीक्षा का भी फैसला लिया गया।

वार्ता/भाषा
नई दिल्ली


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