अयोध्या मामला: SC में तीसरे दिन सुनवाई, राम लला के वकील की दलीलें जारी

Last Updated 08 Aug 2019 12:36:29 PM IST

उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या में राजनीतिक रूप से संवेदनशील राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में बृहस्पतिवार को एक बार फिर सुनवाई शुरू की।


सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

इस मामले में मध्यस्थता के जरिए मैत्रीपूर्ण तरीके से किसी समाधान पर पहुंचने की कोशिशें विफल होने के बाद सुनवाई की जा रही है।    

‘राम लला’ की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता के परासरन ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय संविधान पीठ के समक्ष दलीलें पेश करनी शुरू कीं।     

राजनीतिक और धार्मिक रूप से संवेदनशील मामले में राम लला विराजमान के वकील ने बुधवार को अदालत को बताया था कि लाखों भक्तों की ‘अटूट आस्था’ यह साबित करने के लिए काफी है कि अयोध्या में पूरा विवादित स्थल भगवान राम का जन्म स्थान है।      

परासरन ने कहा, ‘राम लला विराजमान’ को तब पक्षकार नहीं बनाया गया जब मजिस्ट्रेट ने विवादित स्थल को अपने कब्जे में लिया और जब दीवानी अदालत ने निषेधात्मक आदेश दिया।

न्यायालय ने परासरन से पूछा, भगवान राम की मूर्ति को कानून की दृष्टि से व्यक्ति माना गया है और क्या राम ‘जन्मस्थान’ को भी ऐसा माना जा सकता है।

पीठ में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस ए नजीर शामिल हैं। पीठ ने शुक्रवार को तीन सदस्यीय मध्यस्थता समिति की उस रिपोर्ट का संज्ञान लिया था जिसमें कहा गया कि करीब चार महीने तक चली मध्यस्थता प्रक्रिया में कोई अंतिम सहमति नहीं बनी।

मध्यस्थता समिति की अध्यक्षता उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एफएमआई कलीफुल्ला ने की।

भाषा
नयी दिल्ली


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