उन्नाव रेप मामला : सुप्रीम कोर्ट सख्त, सुनवाई बृहस्पतिवार को
उन्नाव रेप मामले में सुप्रीम कोर्ट बृहस्पतिवार को सुनवाई करेगा। रेप पीड़िता के पत्र को लगभग दो हफ्ते तक फाइल में दबाए रखने पर चीफ जस्टिस ने सुप्रीम कोर्ट के महासचिव से जवाब तलब किया है।
![]() सुप्रीम कोर्ट |
भाजपा विधायक कुलदीप सिंह सेंगर से जान को खतरा बताकर पीड़िता ने सीजेआई को पत्र लिखा था। 28 जुलाई को बिना नंबर के ट्रक और कार की टक्कर में बलात्कार की शिकार लड़की बुरी तरह जख्मी हो गई जबकि उसकी मौसी और चाची की मौत हो गई।
उन्नाव बलात्कार पीड़ित द्वारा सीजेआई रंजन गोगोई को लिखे पत्र का सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान लिया है। सुप्रीम कोर्ट ने महासचिव से पूछा है कि 12 जुलाई को लिखा गया पत्र चीफ जस्टिस के संज्ञान में क्यों नहीं लाया गया। सुप्रीम कोर्ट के महासचिव प्रशासनिक स्तर पर सीजेआई को पत्र की जानकारी दे सकते थे। वह जुडीशियल तरीके से भी पत्र को सुप्रीम कोर्ट की बेंच के समक्ष सूचीबद्ध कर सकते थे। मंगलवार शाम चार बजे तक सीजेआई को इस पत्र की जानकारी नहीं दी गई थी। जब उन्हें पत्र के बारे में पता चला तो उन्होंने समूचा ब्यौरा तलब किया।
बलात्कार पीड़ित 19 वर्षीय लड़की ने इस पत्र में अपनी जान को खतरे की आशंका व्यक्त की थी और कुछ घटनाओं का भी इसमें जिक्र किया था। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने बुधवार को कहा कि दुर्भाग्यवश, यह पत्र अभी तक सामने नहीं आया है लेकिन समाचार पत्रों में ऐसे खबर प्रकाशित हुई है कि मानो मैंने इस पत्र को पढ़ लिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, जस्टिस दीपक गुप्ता और अनिरुद्ध बोस की बेंच ने कहा कि समाचार पत्रों ने ऐसे पेश किया है कि जैसे चीफ जस्टिस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है। अदालत ने कहा कि हम इस अत्यधिक विस्फोटक स्थिति के बारे में कुछ करेंगे।
अदालत ने यह टिप्पणियां उस वक्त कीं जब बच्चों से बलात्कार की बढ़ती घटनाओं के मामले में न्याय मित्र की भूमिका निभा रहे वरिष्ठ अधिवक्ता वी गिरि ने उन्नाव बलात्कार कांड सुनवाई के लिए जल्द सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया। अदालत ने इस मामले को बृहस्पतिवार के लिए सूचीबद्ध करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार को पीड़ित से संबंधित दुर्घटना के बारे में प्रगित रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।
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