भारत में कल दिखाई देगा आंशिक चन्द्र ग्रहण का अद्भुत नजारा
आकाशीय खगोलीय घटना के तहत कल 16-17 जुलाई की रात में होने वाला आंशिक चन्द्र ग्रहण भारत सहित विश्व के अन्य कई देशों में स्पष्ट दिखाई देगा।
![]() (फाइल फोटो) |
सनातन धर्म की मान्यतानुसार कल रात होने वाले आंशिक चन्द्र ग्रहण के कारण भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली उज्जैन में परंपरानुसार मनायी जाने वाली गुरु पूर्णिमा का पर्व दोपहर तक आयोजित किया जायेगा। इसके बाद भगवान महाकालेश्वर सहित अन्य प्रसिद्ध मंदिरों में चन्द्र ग्रहण और गुरु पूर्णिमा के संयोग के बीच दोपहर बाद ग्रहण के सूतक के कारण मंदिरों के पट बंद हो जायेंगे।
शासकीय जीवाजीराव वैधशाला के अधीक्षक डॉ़ राजेन्द्र प्रसाद गुप्त ने आज जारी विज्ञप्ति में बताया कि भारतीय समयानुसार आंशिक चन्द्र ग्रहण कल रात्रि एक बजकर 31 मिनट 05 सेकेंड से प्रारंभ होगा और ग्रहण की मध्यकाल की स्थिति तीन बजकर आठ सेकेंड होगी। इस दौरान चन्द्रमा का 65.08 प्रतिशत हिस्सा छाया से ढक जायेगा। ग्रहण का मोक्ष चार बजकर तीस मिनट एक सेकेंड पर होगा।
उन्होंने बताया कि यह ग्रहण भारत सहित ऑस्ट्रेलिया, एशिया के पूर्वी और उत्तरी भाग को छोड़कर, अफ्रीका, यूरोप के उत्तरी भाग को छोड़कर दक्षिण अमेरिका में बहुत अच्छा नजर आयेगा।
उन्होंने बताया कि वैधशाला में टेलीस्कोप से चन्द्र ग्रहण देखने की रात्रि में व्यवस्था की है। लेकिन यदि बादल रहे तो ग्रहण नहीं देखा जा सकेगा।
वहीं दूसरी ओर महाकालेश्वर मंदिर के शासकीय पुजारी घनश्याम शर्मा ने बताया कि मंदिर में आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा पर 16-17 जुलाई की मध्यरात्रि को होने वाले चंद्रग्रहण का स्पर्श रात्रि एक बजकर 33 मिनट और मोक्ष तड़के चार बजकर 30 मिनट पर होगा। इसके पूर्व कल दोपहर चार बजकर 30 मिनट पर ग्रहण का सूतक लग जायेगा। मंदिर में चंद्रग्रहण के मोक्ष समय तड़के चार बजकर तीस मिनट के पश्चात पट खुलेंगे और मंदिर की धुलाई होगी। उसके पश्चात भस्मार्ती और आरती होगी।
शास्त्रों के अनुसार भस्मार्ती में आने वाले दर्शनार्थियों को ग्रहण के पश्चात स्नान कर के ही मंदिर में प्रवेश करना चाहिये। समयाभाव के कारण भस्मार्ती के समय दर्शनार्थियों के जल चढ़ाये जाने की संभावना कम है। साथ ही महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा संचालित नि:शुल्क अन्नक्षेत्र कल अपरान्ह चार बजे पश्चात बंद कर दिया जायेगा।
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