रेलवे पर चर्चा करते हुए आधी रात तक चली संसद, इस मुद्दे पर चर्चा हुई पूरी
रेलवे मंत्रालय की मांगों पर चर्चा के लिए लोकसभा ने गुरुवार को 12 घंटे से अधिक समय तक अपनी कार्यवाही जारी रखते हुए एक कीर्तिमान स्थापित किया।
फाइल फोटो |
इस मुद्दे पर आधी रात से दो मिनट पहले चर्चा समाप्त हुई। संसदीय कार्य मंत्री प्रह्रलाद जोशी ने शुक्रवार को कहा कि चर्चा आधी रात तक चली क्योंकि हर सदस्य इसका हिस्सा बनना चाहता था।
जोशी ने कहा कि लगभग 18 वर्षों में यह पहली बार था जब निचले सदन की कार्यवाही इतने लंबे समय तक चली। उन्होंने कहा कि 100 से अधिक सदस्यों ने चर्चा में भाग लिया। "निस्संदेह, यह एक रिकॉर्ड था।"
बहस के दौरान, विपक्ष ने आरोप लगाया कि केंद्र ने रेलवे को विकसित करने के बजाए उसकी संपत्ति को बचा। जबकि सरकार ने तर्क दिया कि संप्रग सरकार के समय अपेक्षाकृत पूंजीगत व्यय दोगुना हो गया था।
कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी), द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) और अन्य विपक्षी दलों ने रेलवे पर "निजीकरण" के प्रयास का आरोप लगाया। इस दौरान बुलेट ट्रेन भी विपक्ष के हमले से बच नहीं पाई और इसे भी आलोचना झेलनी पड़ी।
रेल राज्य मंत्री सुरेश अंगदी ने हस्तक्षेप करते हुए सरकार का बचाव किया और लोकसभा को बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बहुत सारे विकास कार्य हुए हैं।
जोशी ने कहा ‘‘लोकसभा में इतिहास रचा है। मैं इसके लिए लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, रेल मंत्री पीयूष गोयल, रेल राज्य मंत्री सुरेश आंगड़ी, सदन के सभी सदस्यों, लोकसभा के कर्मचारियों और मीडिया का धन्यवाद करता हूं।’
उन्होंने कहा कि इससे पहले 1996 और वर्ष 2000 में लोकसभा की कार्यवाही रात 12 बजे या उसके बाद तक चली है। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी में ऐसा पहली बार हुआ है।
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