कर्नाटक: स्पीकर के फैसले के खिलाफ कांग्रेस और जद(एस) के बागी विधायक पहुंचे सुप्रीम कोर्ट
कर्नाटक में चल रहा राजनीतिक संकट बुधवार को उस समय उच्चतम न्यायालय पहुंच गया जब कांग्रेस और जद (एस) के 10 बागी विधायकों ने शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की।
शिवकुमार के सामने लगाए 'गो बैक' के नारे |
इन विधायकों ने याचिका में विधानसभा अध्यक्ष पर जानबूझ कर उनके इस्तीफे स्वीकार नहीं करने का आरोप लगाया है।
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ के समक्ष वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने इन विधायकों की याचिका का उल्लेख किया और इसे शीघ्र सूचीबद्ध करने का अनुरोध किया।
पीठ ने मुकुल रोहतगी को भरोसा दिलाया कि वह यह देखेगी कि क्या शीघ्र सुनवाई के लिये यह याचिका कल सूचीबद्ध की जा सकती है।
रोहतगी ने कहा कि ये विधायक पहले ही विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके हैं और अब नये सिरे से चुनाव लड़ना चाहते हैं। उन्होंने इस याचिका पर बुधवार या बृहस्पतिवार को सुनवाई करने का अनुरोध किया जिसमें आरोप लगाया गया है कि विधानसभा अध्यक्ष ने पक्षपात पूर्ण तरीके से कार्रवाई की है और जानबूझ कर उनके इस्तीफे स्वीकार नहीं किये हैं।
राज्य विधानसभा के अध्यक्ष ने मंगलवार को कहा था कि 14 बागी विधायकों में से नौ के इस्तीफे सही नहीं थे।
कांग्रेस ने इस मामले में अध्यक्ष के आर रमेश कुमार से हस्तक्षेप करने और इन विधायकों को अयोग्य करार देने का अनुरोध किया है। कांग्रेस ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि वह उसके सदस्यों को धन का पल्रोभन दे रही है। हालांकि, भाजपा ने इस तरह के आरोपों से इंकार किया है।
कर्नाटक विधानसभा के 13 सदस्यों - कांग्रेस के 10 और जद(एस) के तीन- ने छह जुलाई को सदन की सदस्यता से अपने अपने त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय को सौंपे थे। इसके साथ ही राज्य में कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार के लिये राजनीतिक संकट पैदा हो गया था। इसी बीच, कांग्रेस के एक अन्य विधायक आर रोशन बेग ने भी मंगलवार को इस्तीफा दे दिया।
विधानसभा अध्यक्ष ने बताया है कि इस्तीफा देने वाले 14 विधायकों में एस टी सोमशेखर, मुनिरत्न, बी ए बसवराज, प्रताप गौडा पाटिल, बी सी पाटिल, रमेश जारकिहोली, ए शिवमरा हब्बर, महेश कुमातल्ली, रामलिंग रेड्डी, आनंद सिंह और बेग (सभी कांग्रेस) और गोपालैया, नारायण गौडा, अडगुर एच विनाथ (सभी जद-एस) शामिल हैं।
बागी विधायकों ने शिवकुमार के सामने लगाए 'गो बैक' के नारे
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक जल संसाधन मंत्री डी के शिवकुमार को बुधवार को मुंबई में इन बागी विधायकों के प्रवास वाले परिसर में प्रवेश से रोका गया।
पावेल के आलीशान होटल में टिके 12 में से 10 विधायकों ने मंगलवार की रात मुंबई पुलिस को लिखकर सूचित किया कि उन्हें अपनी जान का खतरा है और उन्होंने शिवकुमार को होटल में प्रवेश करने से रोकने का आग्रह किया था। शिवकुमार ने कहा है कि वह बागी विधायकों से मुलाकात के बगैर वापस नहीं जायेंगे।
जद(एस) के वरिष्ठ विधायकों के साथ पहुंचे शिवकुमार ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि उन्होंने होटल में कमरा बुक कराया था लेकिन उन्हें अंदर जाने नहीं दिया गया।
मंगलवार मध्यरात्रि को पवई के एक लग्जरी होटल में ठहरे हुए 12 में से 10 विधायकों ने मुंबई पुलिस को पत्र लिखकर अपनी जान को खतरा बताया और कहा कि शिवकुमार को होटल में नही आने दिया जाए।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘हमें बागी विधायकों से एक पत्र मिला है।’’ कांग्रेस के संकटमोचक माने जाने वाले शिवकुमार ने कहा कि वह विधायकों से मिले बिना नहीं जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने मित्रों को अपने दिल की बात कहने आया हूं. राजनीति संभावनाओं का क्षेत्र है।’’
होटल के बाहर बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी मौजूद हैं जहां एक समूह को ‘‘शिवकुमार वापस जाओ’’ के नारे लगाते हुए देखा गया।
शिवकुमार ने कहा कि पुलिस उन्हें कह रही है कि उनके नाम से कोई कमरा बुक नहीं है लेकिन मंत्री ने जोर दिया कि उन्होंने होटल में अपने नाम से एक कमरा बुक कराया था। उन्होंने कहा, ‘‘मैं अपने खिलाफ नारेबाजी से नहीं डरता। सुरक्षा के खतरे के कारण अंदर जाने नहीं दिया जा रहा। मैं महाराष्ट्र सरकार का बहुत सम्मान करता हूं। मेरे पास हथियार नहीं हैं।’’ उन्होंने हैरानी जताई कि उनकी मौजूदगी बागी विधायकों के लिए कैसे खतरा हो सकती है।
K'taka crisis: Shivakumar arrives in Mumbai to meet rebel MLAs, says 'born together in politics, will die together'
— ANI Digital (@ani_digital) July 10, 2019
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शिवकुमार ने कहा, ‘‘मैं कैसे विधायकों के लिए खतरा हो सकता हूं। हम दोस्त हैं। अगर भाजपा शामिल नहीं है तो क्यों कई पुलिसकर्मी यहां हैं। मेरे पास दिल है और कोई हथियार नहीं है।’’
यहां पहुंचने पर शिवकुमार ने कहा, ‘‘मुंबई पुलिस या किसी अन्य बल को तैनात होने दीजिए। हम अपने दोस्तों से मिलने आए हैं। हम राजनीति में एक साथ आए थे और एक साथ जाएंगे।’’ उन्होंने कहा कि अगर भाजपा नेता बागी विधायकों से मिल सकते हैं तो वह क्यों नहीं।
उन्होंने कहा, ‘‘मुंबई में अच्छी सरकार है। मुख्यमंत्री (देवेंद्र फड़णवीस) मेरे अच्छे दोस्त हैं। मैंने यहां एक कमरा बुक कराया है। मेरे दोस्त यहां हैं, कुछ मतभेद हैं, वे मेरे दोस्त हैं..अगर भाजपा नेता मुलाकात कर सकते हैं तो हम क्यों नहीं मिल सकते।’’
शिवकुमार ने कहा कि उन्होंने पहले भी महाराष्ट्र के 120 विधायकों की मेजबानी की थी जब विलासराव देशमुख मुख्यमंत्री थे।
कर्नाटक विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने के बाद शनिवार से ही कांग्रेस के सात, जद(एस) के तीन और दो निर्दलीयों समेत 12 विधायक शहर में ठहरे हुए हैं। उन्होंने राज्य की गठबंधन सरकार से समर्थन भी वापस ले लिया है।
विधायकों ने अपने पत्र में कहा कि वे कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी या शिवकुमार से मुलाकात नहीं करना चाहते और उन्होंने शहर की पुलिस से उन्हें होटल में आने की अनुमति ना देने का अनुरोध किया।
पत्र में शिवराम हेब्बार, प्रताप गौड़ा पाटिल, बी सी पाटिल, बायरती बासवराज, एस टी सोमशेखर, रमेश जारकीहोली, गोपालैया, एच विनाथ, नारायण गौड़ा और महेश कुमारतली के नाम एवं हस्ताक्षर हैं।
राज्य में सत्तारूढ गठबंधन में 116 सदस्य हैं। अध्यक्ष के अलावा इनमें कांग्रेस के 78, जद (एस) के 37 और बसपा का एक सदस्य शामिल हैं। यदि इन 14 बागी विधायकों का इस्तीफा स्वीकार हो जाता है कि गठबंधन के सदस्यों की संख्या घटकर 102 हो जायेगी।
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