बजट 2019: अमीरों पर बढ़ा टैक्स का बोझ, मिडिल क्लास को कुछ खास नहीं

Last Updated 05 Jul 2019 01:28:11 PM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में शुक्रवार को वर्ष 2019-20 का आम बजट पेश किया। इस दौरान सरकार ने कई बड़े ऐलान किए।


सीतारमण ने 49 वर्षों के बाद एक महिला वित्त मंत्री के रूप में अपना पहला आम बजट पेश करते हुये कहा कि वर्ष 2014 में देश की अर्थव्यवस्था 1.58 खरब डॉलर की थी जो वर्ष 2019 में बढ़कर 2.7 खरब डॉलर की हो गयी है और इसी वर्ष यह 30 खरब डॉलर की हो जायेगी। अगले कुछ वर्षों में भारतीय अर्थव्यवस्था के 50 खरब डॉलर के बनने की उम्मीद जताते हुये उन्होंने कहा कि 55 वर्षों में यह 10 खरब डॉलर पर पहुंची थी। पिछले कुछ वर्षों में अर्थव्यवस्था के विकास में जबरदस्त तेजी आयी है।

उन्होंने कहा कि 50 खरब डॉलर की अर्थव्यवस्था तक पहुंचने का लक्ष्य, बुनियादी ढांचे में भारी निवेश, डिजिटल अर्थव्यवस्था, रोजगार सृजन, नागरिकों की आशाओं, विश्वास और आकांक्षाओं से परिपूर्ण है।

गांव, गरीब और किसान सरकार की सभी योजनाओं के केन्द्र बिन्दु

उन्होंने कहा कि गांव, गरीब और किसान इस सरकार की सभी योजनाओं के केन्द्र बिन्दु हैं और उन्हें ध्यान में रखते हुये की कार्ययोजनायें बनायी जा रही हैं।

उन्होंने हर तरह की कनेक्टिविटी को अपनाये जाने का हवाला देते हुये कहा कि 80,250 करोड़ रुपये की लागत से 1.25 लाख किलोमीटर सड़क को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तीसरे चरण में उन्नत किया जायेगा। 97 प्रतिशत गांवों को बारह-मासी सड़क से जोड़ा गया है, शेष गांवों को इसी साल जोड़ने का लक्ष्य है।

उन्होंने महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर अंत्योदय को सरकार का लक्ष्य बताते हुये कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना के तहत 1.5 करोड़ मकान बने, 2019-20 से 2021-22 के बीच 1.95 करोड़ मकान बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

'...हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है'

वित्त मंत्री ने सत्ता में भाजपा की वापसी को उज्ज्वल और स्थिर नये भारत की उम्मीद बताते हुये शेर पढ़ा ‘उम्मीद हो तो कोई रास्ता निकलता है, हवा की ओट लेकर भी चिराग जलता है’।

उन्होंने आम चुनाव में भाजपा को मिले प्रचंड बहुमत का उल्लेख करते हुये कहा कि इस चुनाव में मतदान का प्रतिशत सबसे अधिक रहा, सभी वर्गों के मतदाताओं का साथ मिला। देशवासियों ने राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास के दो लक्ष्यों पर मुहर लगायी है।

उन्होंने गैस और जल का राष्ट्रीय ग्रिड तैयार करने का वादा करते हुये कहा कि मेक इन इंडिया के तहत स्वच्छ पेयजल, जल प्रबंधन, स्वच्छ नदियां, ब्लू इकॉनोमी, अतंरिक्ष कार्यक्रम, गगनयान, चंद्रयान और सेटेलाइट कार्यक्रमों पर खासतौर पर ध्यान दिया गया। भविष्य में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने पर जोर देते हुये उन्होंने कहा कि सिर्फ आधुनिक बैटरी और पंजीकृत इलेक्ट्रिकल वाहनों पर फेम 2 के तहत सरकार की ओर से छूट मिलेगी।

सरकार की महिला योजनाएं ‘नारी तू नारायणी’ पर आधारित

सीतारमण ने देश में हर साल ग्लोबल इंवेस्टमेंट मीट आयोजित करने का प्रस्ताव करते हुये कहा कि कारोबारियों को प्रतिवर्ष 20 लाख करोड़ रुपए की जरूरत है। रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए वर्ष 2018 से 2030 के दौरान 50 लाख करोड़ रुपये निवेश करने की आवश्यकता होगी और इसके लिए पीपीपी मॉडल को अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि समाज सेवी संस्थान सेबी में पंजीकरण कराकर इक्विटी, डेट और म्युचुअल फंड के जरिये पूंजी जुटा सकेंगे और इनके लिए उन्होंने सोशल स्टॉक एक्सचेंज बनाने की भी घोषणा की।

उन्होंने सरकार की महिला योजनाएं ‘नारी तू नारायणी’ पर आधारित होने का जिक्र करते हुये कहा कि स्वस्थ समाज की परिकल्पना के तहत आयुष्मान भारत, सुपोषित महिलाएं और बच्चे और नागरिकों की सुरक्षा को अहम स्थान दिया गया है।

2022 तक हर घर को गैस और बिजली का कनैक्शन दिये जाने का वादा करते हुये उन्होंने कहा कि 2024 तक ‘हर घर जल’ का लक्ष्य हासिल किया जायेगा। स्वच्छ भारत मिशन के अगले चरण में हर गांव में ठोस कचरा प्रबंधन का लक्ष्य रखा गया है। हर जिले में महिला स्वयं सहायता समूहों का गठन किया जायेगा।

उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे को प्रोत्साहन देने के लिए क्रेडिट गारंटी एन्हांसमेंट कॉरपोरेशन की स्थापना की जाएगी। अनिवासी भारतीयों के निवेश को भारत में सुविधाजनक बनाने के लिए विदेशी पोर्टफोलियो से जोड़ा जाएगा और विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के लिए केवाईसी के नियम सरल बनाये जायेंगे।

2 से 5 करोड़ की आय वालों को देना होगा 3 फीसदी अतिरिक्त सरचार्ज

सीतारमण ने दो करोड़ से पांच करोड़ रुपये की कर योज्ञ आय पर सरचार्ज बढ़ाने का प्रस्ताव किया जिससे प्रभावी कर में करीब तीन प्रतिशत की बढ़ोतरी होगी। इसी तरह से पांच करोड़ रुपये से अधिक की आय पर यह प्रभावी कर सात प्रतिशत तक बढ़ेगा।

पेट्रोल और डीजल पर एक रुपये प्रति लीटर का विशेष अतिरिक्त उत्पाद शुल्क तथा एक रुपये प्रति लीटर सड़क एवं ढांचागत अभिभार लगेगा। इस प्रकार इनके दाम दो रुपये प्रति लीटर बढ़ जायेंगे। सोने तथा बेशकीमती धातुओं पर सीमा शुल्क 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 12.5 प्रतिशत किया गया है।

वित्त मंत्री ने अगले पांच वर्षों में बुनियादी सुविधाओं के विकास पर 100 लाख करोड़ रुपये निवेश किये जाने की आवश्यकता बताते हुये कहा कि चालू वित्त वर्ष में सरकारी कंपनियों में विनिवेश से एक लाख पांच हजार करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।

उन्होंने कहा कि 400 करोड़ रुपये से अधिक का वार्षिक कारोबार करने वाली कंपनियों पर अब 25 प्रतिशत कॉरपोरेट कर लगेगा। पहले यह सीमा 250 करोड़ रुपये तक के कारोबार वाली कंपनियों के लिये थी।

किफायती आवास के लिए 1.50 लाख रुपये की अतिरिक्त आयकर छूट

उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में प्रत्यक्ष कर संग्रह 78 प्रतिशत बढ़कर 11.37 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया है।

उन्होंने कहा कि किफायती आवास को बढ़ाने के उद्देश्य से हाउसिंग फाइनेंस के नियमन की जिम्मेदारी राष्ट्रीय आवास बैंक से वापस लेकर रिजर्व बैंक को दी जायेगी। उन्होंने बैंकिंग क्षेत्र में सुधार जारी रखने और वित्तीय संकट में जूझ रहे गैर बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियों को राहत देने का वादा करते हुये कहा कि सरकारी बैंकों को चालू वित्त वर्ष में 70 हजार करोड़ रुपये दिये जायेंगे।

उन्होंने कहा कि किफायती आवास के लिए 1.50 लाख रुपये की अतिरिक्त आयकर छूट दी जायेगी। इलेक्ट्रिक वाहन खरीद पर भी 1.5 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त आयकर छूट मिलेगी। कुल मिलाकर इलेक्ट्रिक वाहन पर करदाता को 2.5 लाख रुपये का लाभ मिलेगा।

1 साल में 1 करोड़ की नकद निकासी पर 2 प्रतिशत टीडीएस

वित्त मंत्री ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा दिये जाने का जिक्र करते हुये कहा कि एक वर्ष में एक करोड़ रुपये की नकद निकासी पर दो प्रतिशत टीडीएस लगेगा। उन्होंने कहा कि कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था को बढ़ावा दिये जाने के उद्देश्य से भीम, यूपीआई, आधारपे, एनईएफटी और आरटीजीएस को प्रोत्साहित किया जायेगा। इसके साथ ही 50 करोड़ रुपये के वार्षिक कारोबार वाले कारोबारियों और ग्राहक को अब इनके माध्यम से भुगतान करने पर कोई शुल्क या मर्चेंट डिस्काउंट दर (एमडीआर) नहीं देना पड़ेगा। रिजर्व बैंक और बैंक इस लागत का वहन करेंगे।  

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर इस वर्ष दो अक्टूबर को देश को खुले में शौच से मुक्त घोषित कये जाने की घोषणा करते हुये उन्होंने कहा कि स्वच्छता अभियान के तहत देश में वर्ष 2014 के बाद पांच लाख 60 हजार से अधिक शैचालय का निर्माण किया गया है।

उन्होंने कहा कि पांच लाख 60 हजार से अधिक गांव और 95 प्रतिशत से अधिक शहर भी खुले में शौच से मुक्त हो गये हैं।

वार्ता
नयी दिल्ली


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