जम्मू-कश्मीर: शहीद निरीक्षक के बेटे को ले रो पड़े वरिष्ठ पुलिस अधिकारी
जम्मू-कश्मीर में मंगलवार को सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है जिसमें एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी एक शहीद पुलिस निरीक्षक अरशद खान के बेटे को लेते हुए रो रहे हैं।
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यह तस्वीर सोमवार को श्रीनगर स्थित जिला पुलिस लाइन्स पुलिस निरीक्षक अरशद खान के श्रद्धांजलि समारोह की है जिसमें वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) हसीब मुगल अरशद के चार वर्षीय बेटे उहबान को गोद में लिए हुए रो रहे हैं।
पुलिस निरीक्षक अरशद खान ने रविवार को दिल्ली के एम्स में आखिरी सांस ली और ‘फादर्स डे’ के मौके पर ही उनके दो छोटे बच्चों उहबान और दामिन के सिर से पिता का साया उठ गया।
खान का शव सोमवार को यहां पुलिस लाइन लाया गया। उनका चार साल का बेटा उहबान अभी इतना छोटा है कि वह यह भी नहीं समझ सकता कि उसपर कितनी बड़ी विपदा आ गई है। पिता को दी जा रही अंतिम विदाई के दौरान वह अपने मामा का हाथ पकड़े हुए खड़ा था और पुलिस बैंड ‘वतन की राह में वतन के नौजवां शहीद हो’ बजा रहे थे। यह 1948 की ‘शहीद’ फिल्म का गीत है।
‘फादर्स डे’ पर ही उहबान और दामिन के सिर से उठ गया पिता का साया
उहबान का 18 महीने का छोटा भाई दामिन घर पर है। उहबान को इतनी छोटी उम्र में ही बड़े बेटे का फर्ज निभाना है। उसे एक पुलिस अधिकारी उसके पिता के ताबूत के करीब ले जाते हैं, जहां वह पुष्पांजलि अर्पित करता है।
जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल के सलाहकार के विजय कुमार, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक बी श्रीनिवास, पुलिस महानिरीक्षक (कश्मीर) स्वयं प्रकाश पाणि ने शहीद को कंधा दिया।
खान के घर में उन्हें अंतिम विदाई देने के लिए सैंकड़ों लोग जमा हुए थे। दामिन इस दौरान शोक मना रहे लोगों की आंखों में देखता और चिर-परिचित चेहरा देखकर मुस्कुराने लगता है।
पिछले सप्ताह बुधवार को आतंकवादी हमले में सीआरपीएफ के पांच जवान शहीद हो गए थे। हमले में जैश-ए-मोहम्मद के एक आतंकवादी ने सीआरपीएफ के गश्ती दल को निशाना बनाया था।
अनंतनाग के सदर पुलिस थाने के प्रभारी खान मुठभेड़ शुरू होते ही मौके पर पहुंचे थे। अधिकारियों ने बताया कि वह जैसे ही अपनी सर्विस राइफल के साथ बुलेट प्रूफ वाहन से बाहर आए, आतंकवादियों ने उन पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी।
उन्होंने बताया कि घायल होने के बाद भी वह आतंकवादी पर गोली बरसाते रहे।
हमले के बाद वरिष्ठ अधिकारियों ने उनकी तत्परता एवं निडर प्रतिक्रिया की प्रशंसा की थी।
अपनी पेशेवर प्रतिभा के लिए प्रसिद्ध खान की लोकप्रियता इस बात से समझी जा सकती है कि उनकी तैनाती वाले इलाके के करीब 70 स्थानीय निवासी उनकी सेहत के बारे में जानने के लिए वहां इकठ्ठा हुए थे।
खान के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटे, माता-पिता और छोटा भाई हैं। वह श्रीनगर के रहने वाले थे और राज्य पुलिस में 2002 में भर्ती हुए थे।
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