प्रियंका की रिहाई में देरी से नाराज सुप्रीम कोर्ट, बीजेपी नेता बोली- नहीं मांगूगी ममता से मांफी

Last Updated 15 May 2019 02:57:40 PM IST

सोशल नेटवर्किंग साइट फेसबुक पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की विरूपित तस्वीर पोस्ट करने वाली भाजपा की युवा शाखा की कार्यकर्ता प्रियंका शर्मा ने कहा कि वह इसके लिये माफी नहीं मांगेगी।


सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

विरूपित तस्वीर पोस्ट करने के लिये प्रियंका को गिरफ्तार किया गया था और बुधवार को वह जेल से छूटकर बाहर आयी।      यहां भाजपा कार्यालय में एक संवाददाता सम्मेलन में शर्मा ने कहा, ‘‘मुझे कोई पछतावा नहीं है। मैंने ऐसा कुछ नहीं किया है जिसके लिये मैं माफी मांगूं।’’      

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सुबह नौ बजकर 40 मिनट पर यहां की अलीपुर जेल से उसे रिहा किया गया।      

भाजपा कार्यकर्ता ने आरोप लगाया कि जेल में उसका उत्पीड़न हुआ और उन्हें प्रताड़ित किया गया। उस कहा, ‘‘जेल में मुझे प्रताड़ित किया गया। यहां तक कि जेलर ने भी कल मुझे धक्का दिया था। मैंने उनसे कहा कि मैं कोई अपराधी नहीं हूं कि आप इस तरह से मुझे जेल कक्ष के अंदर धक्का दे रहे हैं। उन्होंने बहुत खराब बर्ताव किया। अंदर का माहौल बहुत खराब था।’’      

उसकी रिहाई के वक्त दक्षिण कोलकाता के इस जेल के बाहर स्थानीय भाजपा नेता और उनकी मां भी मौजूद थीं।      

शर्मा ने फोन पर बताया, ‘‘मैं और मेरा परिवार काफी पीड़ा से गुजरा है और मुझे लगता है कि मैं इसकी हकदार नहीं थी।’’ उसके भाई राजीव शर्मा ने आरोप लगाया कि जेल प्रशासन ने प्रियंका को मंगलवार को रिहा नहीं कर उच्चतम न्यायालय के आदेश का उल्लंघन किया है।      

उसने कहा, ‘‘जब हमलोग कल जेल गये तब अधिकारियों ने कहा कि उन्हें आदेश की प्रति चाहिए। मैं दिल्ली में था और इसकी प्रति जुटाने में मुझे समय लग गया इस वजह से देरी हुई। उन्होंने तत्काल रिहाई के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया।’’     

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को शर्मा की गिरफ्तारी को ‘‘प्रथमदृष्टया मनमाना’’ बताया और शर्मा की रिहाई में देरी के लिये पश्चिम बंगाल सरकार की खिंचाई की।    

शीर्ष अदालत ने शुरू में कहा था कि शर्मा की माफी जमानत की शर्त होगी लेकिन बाद में उसने स्पष्ट किया कि यह जमानत के लिये शर्त नहीं होगी, हालांकि इस तरह का पोस्ट करने के लिये रिहाई के वक्त उन्हें माफी मांगनी चाहिए।      



गौरतलब है कि प्रियंका ने सोशल मीडिया पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मीम वाली तस्वारें साझा की थीं। तृणमूल कांग्रेस के नेता विभास हाजरा की शिकायत पर उन्हें 10 मई को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 500 (मानहानि) और सूचना प्रौद्योगिकी कानून की कुछ धाराओं का उल्लंघन करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था और बाद में उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। प्रियंका शर्मा ने राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ शीर्ष अदालत का रुख किया था।

प्रियंका की ओर से उनके परिवार ने प्राथमिकी रद्द करने और जमानत पर रिहा करने की अर्जी न्यायालय में लगाई थी।
 

 

भाषा/वार्ता
नई दिल्ली


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