‘फेनी’ का कहर: ओडिशा में 3 लोगों की मौत, बंगाल में भारी बारिश

Last Updated 03 May 2019 09:41:02 AM IST

अत्यधिक प्रचंड चक्रवाती तूफान ‘फेनी’ शुक्रवार सुबह ओडिशा के पुरी तट पर दस्तक दी, जिससे कई इलाकों में भारी बारिश और 175 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलीं। तूफान के कारण भारी नुकसान होने की खबर है।


एक अधिकारी के मुताबिक ओडिशा में तीन लोगों की मौत हुई है।

फेनी आज सुबह पुरी से 20 किलोमीटर उत्तर और भुवनेश्वर से 25 किलोमीटर दक्षिण में पहुंच गया जिसके कारण तेज हवाओं ने संचार और बिजली सुविधाओं को तहस-नहस कर दिया। इसके कारण कई पेड़ और बिजली के खंभे उखड़कर सड़कों पर गिर गये तथा मकानों और कई घरों को क्षतिग्रस्त कर दिया। 

राजधानी भुवनेश्वर में भी फेनी के कहर से सार्वजनिक और निजी संपत्तियों का नुकसान हुआ। यहां भी बिजली, संचार और यातायात समेत विभिन्न सेवाएं प्रभावित रहीं।

ओडिशा के तटवर्ती इलाकों में फोनी का सबसे गंभीर कहर बरपा। विशेषकर पुरी, खोरदा और जगतसिंहपुर जिलों में फोनी के कारण भारी बारिश और करीब दो घंटे तक 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाओं ने जनजीवन को पूरी तरह ठप्प कर दिया।

विभिन्न स्थानों पर बिजली आपूर्ति अब भी बाधित है और संचार सेवाएं भी प्रभावित हैं। कई स्थानों पर सड़क, रेल और वायु सेवायें भी प्रभावित हैं। राज्य के तटवर्ती इलाकों में भारी बारिश जारी है। नुकसान का अब तक सही आकलन नहीं किया जा सका है।

मौसम विभाग ने राज्य के 17 जिलों के लिए चेतावनी जारी की है। गंजम, गजपति, खोरदा, पुरी, जगतसिंहपुर, केंद्रपाड़ा, भद्रक, जाजपुर और बालासोर तटीय इलाकों के फेनी की चपेट में आने की आशंका जतायी गयी है।

इसके अलवा पश्चिम बंगाल में पूर्व और पश्चिम मेदिनीपुर, दक्षिण और उत्तर 24 परगना जिले, हावड़ा, हुगली, झारग्राम, कोलकाता के साथ ही श्रीकाकुलम, विजयनगरम और आंध्र प्रदेश का विशाखापत्तनम जिला भी तूफान से प्रभावित हो सकता है।

केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विशेष हेल्पलाइन 1938 शुरू की है जिस पर आपात स्थिति में संपर्क किया जा सकता है।   

11 लाख लोगों को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया

कम से कम 11 तटीय जिलों के निचले और संवेदनशील इलाकों से करीब 11 लाख लोगों को सुरक्षित जगह पर ले जाया गया है। इन लोगों को 4,000 शिविरों में ठहराया गया है जिनमें से विशेष रूप से चक्रवात के लिए बनाए गए 880 केंद्र शामिल हैं।     

मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने लोगों से अपील की है कि वे इस दौरान घरों के अंदर ही रहें और कहा कि लोगों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी इंतजाम किए गए हैं।     

इस बीच, नई दिल्ली मिली जानकारी के मुताबिक, भारतीय तटरक्ष बल और नौसेना ने भी राहत इंतजाम में अपने पोत और कर्मियों को तैनात किया है।      

फेनी के प्रभाव से बंगाल में भारी बारिश

चक्रवाती तूफान फेनी ने ओडिशा में भारी तबाही मचाने के बाद कोलकाता और पश्चिम बंगाल के गंगातटीय क्षेत्रों में शुक्रवार को भारी बारिश हुई।

अत्यधिक भयावह चक्रवाती तूफान से सुबह 10 बजे के बाद भूस्खलन हुआ। यह कोलकाता से दक्षिणपश्चिम में 400 किमी से ज्यादा दूर स्थित था और पूर्वी मिदनापुर जिले से 350 किमी दक्षिणपश्चिम में था।

नागरिक उड्डयन महानिदेश्क ने सभी एयरलाइनों को नेताजी सुभाष चंद्र बोस इंटरनेशनल हवाईअचड्डे से शुक्रवार अपरान्ह 3 बजे व शनिवार सुबह 8 बजे के बीच अपने उड़ान संचालन को रोकने के लिए संशोधित परामर्श जारी किया है।

मौसम पूर्वानुमानकर्ता जे.के मुखोपाध्याय ने कहा, "बाहरी घेरे के बादल पहले ही पश्चिम बंगाल और कोलकाता के तटीय क्षेत्रों में पहुंच चुके हैं, जिससे बारिश हो रही है। बारिश की तीव्रता धीरे-धीरे बढ़ेगी। चक्रवात के बंगाल के करीब आने के साथ ही इसकी गति 80-100 किमी प्रति घंटा हो जाएगी।"

किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की छह टीमों को झारग्राम जिले के संकरील, पश्चिम मेदिनीपुर के नारायगढ़ ब्लॉक, पूर्व मेदिनीपुर जिले के रामनगर, दक्षिण 24 परगना के काकद्वीप में व उत्तर 24 परगना के धमाखली व हसनाबाद में तैनात किया गया है।

मौसम विभाग के अनुसार, चक्रवात के जमीनी क्षेत्र में प्रवेश करने की पूरी प्रक्रिया सुबह 11 बजे पूरी हो गई थी।

इसमें कहा गया, "इसने ओडिशा तट को गोपालपुर और चंदबली के बीच पुरी के करीब 170 से 180 किमी प्रति घंटे की हवा की रफ्तार के साथ पार किया।"

सभी एहतियाती उपाय जैसे उड़ान रद्द करना, ट्रेनों को रद्द करना और जल परिवहन सेवाओं को रद्द किया गया है।

राज्य सरकार व कोलकाता नगर निगम ने निचले इलाकों में रह रहे लोगों को सुरक्षित जगहों पर स्थानांतरित करने का फैसला लिया है।

मदद के लिए एक टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1070 साझा की गई है।

भाषा/वार्ता/आईएएनएस
नयी दिल्ली/भुवनेश्वर/कोलकाता


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