पूर्व जस्टिस पिनाकी चंद्र घोष हो सकते हैं भारत के पहले लोकपाल, जल्द होगा ऐलान
देश के पहले लोकपाल की नियुक्ति के लिए सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष के नाम पर सक्रियता से विचार किये जाने की जानकारी मिली है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
पूर्व जस्टिस पीसी घोष हो सकते हैं पहले लोकपाल (फाइल फोटो) |
देश के पहले लोकपाल की नियुक्ति के लिए उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति पिनाकी चंद्र घोष के नाम पर सक्रियता से विचार किये जाने की जानकारी मिली है। अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी।
मई 2017 में उच्चतम न्यायालय से सेवानिवृत्त हुए न्यायमूर्ति घोष राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) के सदस्य हैं। अधिकारियों ने कहा कि समझा जाता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली लोकपाल चयन समिति द्वारा इस पद के लिए उनके नाम पर सक्रियता से विचार किया जा रहा है। सरकार द्वारा उनकी नियुक्ति की कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है।
सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी की चयन समिति ने उनका नाम तय किया और उसकी सिफारिश की। सरकार द्वारा यदि उनकी नियुक्ति की जाती है तो विवाद उत्पन्न हो सकता है क्योंकि कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने शुक्रवार को चयन समिति की बैठक का बहिष्कार किया था।
कौन हैं जस्टिस पीसी घोष
जस्टिस घोष सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज रह चुके हैं। वह आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस भी रहे हैं। वह अपने फैसलों में मानवाधिकारों की रक्षा की बात बार-बार करते थे। जस्टिस घोष को मानवाधिकार कानूनों पर उनकी बेहतरीन समझ और विशेषज्ञता के लिए जाना जाता है।
पिनाकी चंद्र घोष का जन्म कोलकाता में हुआ। वह कलकत्ता उच्च न्यायालय के पूर्व मुख्य न्यायाधीश दिवंगत न्यायामूर्ति शंभू चंद्र घोष के बेटे हैं। घोष, कलकत्ता के सेंट जेवियर्स कॉलेज से कॉमर्स में स्नातक हैं। उन्होंने कलकत्ता विविद्यालय से कानून में स्नातक किया।
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