100 फीसद वोट कराने से ही बनेगी बात
आरएसएस ने भाजपा को हिदायत दी है कि ज्यादा से ज्यादा मतदान कराएं, नहीं तो लोकसभा चुनाव में बहुमत हासिल करने की डगर मुश्किल होगी।
100 फीसद वोट कराने से ही बनेगी बात |
संघ ने यहां तक कहा है कि 100 प्रतिशत मतदान कराने में जुट जाएं। संघ की चेतावनी और सलाह मिलने के बाद ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की 36 हस्तियों को ट्विटर पर टैग करते हुए मतदाताओं को बड़ी संख्या में मतदान करने के लिए प्रेरित करने का आग्रह किया था।
आरएसएस की प्रतिनिधि सभा की ग्वालियर में हुई तीन दिवसीय बैठक में आम चुनाव पर विस्तार से विचार विमर्श किया गया। बैठक में राममंदिर निर्माण मुद्दे पर स्वयंसेवकों की नाराजगी को दूर करने की कोशिश की गई। इसमें कहा गया कि सरकार ने मंदिर की अविवादित जमीन न्यास को सौंपने का फैसला कर सकारात्मक रुख अपनाया है। स्वयंसेवकों से कहा गया है कि चुनाव के दौरान इस मुद्दे पर विवाद खड़ा नहीं करना है।
प्रतिनिधि सभा में भाजपा की तरफ से पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और संगठन महामंत्री रामलाल शामिल हुए थे। इन नेताओं की उपस्थिति में संघ पदाधिकारियों ने स्पष्ट तौर पर कहा कि ज्यादा से ज्यादा, यहां तक सौ प्रतिशत मतदान कराने के लिए जी जान से जुट जाएं। संघ के स्वयंसेवक तो यह काम करेंगे ही, भाजपा को भी इस काम में जुट जाना चाहिए। संघ का मानना है कि मोटे तौर पर क्षेत्रीय दलों और कांग्रेस में कहीं-कहीं गठबंधन बन रहा है। चुनाव पूर्व गठबंधन के कारण विपक्षी दलों का मत प्रतिशत बढ़ने की संभावना है।
2014 के आम चुनाव में भाजपा को भले ही 51 प्रतिशत (282) सीटें मिली थीं, लेकिन उसे केवल 31.33 प्रतिशत वोट मिले थे। जबकि कांग्रेस को आठ प्रतिशत सीटें (44 सीटें) मिली थी, लेकिन उसका वोट प्रतिशत 19.52 प्रतिशत था। निर्दलीयों और क्षेत्रीय दलों को 39 प्रतिशत (217) सीटें मिली थीं और उसका वोट प्रतिशत भी करीब 39 प्रतिशत था। एनडीए के घटक दलों का कुल मत प्रतिशत मात्र 4 प्रतिशत था। यदि कांग्रेस और क्षेत्रीय दलों का मत प्रतिशत जोड़ दिया जाए तो यह आंकड़ा एनडीए घटक दलों को हटाकर करीब 56 प्रतिशत बैठता है।
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