हिंदू महिला से शादी करने वाले मुस्लिम की संतान का संपत्ति पर हक : सुप्रीम कोर्ट

Last Updated 23 Jan 2019 06:03:00 AM IST

मुस्लिम पर्सनल लॉ के तहत दिए गए एक अहम फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंदू महिला और मुस्लिम पुरुष की शादी से उत्पन्न संतान को प्रॉपर्टी पर पूरा हक है।


सुप्रीम कोर्ट

 इस तरह की शादी से पैदा औलाद को नाजायज नहीं कहा जा सकता है।
 जस्टिस एनवी रमण और मोहन शांतानगादार की बेंच ने पारिवारिक प्रॉपर्टी के बंटवारे को लेकर 37 साल से चले आ रहे विवाद का निपटारा करते हुए कहा कि अनियमित मैरिज से उत्पन्न बच्चों को अवैध संतान का दर्जा नहीं दिया जा सकता। मुस्लिम कानून के अनुसार हिंदू महिला से विवाह बेकायदा या विधि-विरुद्ध तो है लेकिन यह अवैध नहीं है। इस तरह के विवाह से पैदा हुए बच्चों का पिता की प्रॉपर्टी पर पूरा हक है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हिंदू मूर्ति की पूजा करते हैं। मुस्लिम कानून में मूर्तिपूजक हिंदू से मुसलमान का विवाह इस्लामिक धर्म में मान्य नहीं है लेकिन इसे अवैध का दर्जा भी नहीं दिया गया है। इस तरह के विवाह को अमान्य करार नहीं दिया जा सकता। कानून की भाषा में इसे अनियमित-बेकायदा या इररेगूलर कहा गया है। लेकिन इस तरह की शादी से उत्पन्न संतान जायज है और उसका पैतृक सम्पत्ति पर अधिकार है।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मुस्लिम कानून में वैध, अवैध और विधि-विरुद्ध शादी में फर्क को साफतर पर रेखांकित किया गया है। वैध शादी को सहीह, अवैध शादी को बातिल और बेकायदा मैरिज को फासिद कहा गया है। बेकायदा शादी में हिंदू महिला भी अपने शहर की सम्पत्ति की हकदार है। सुप्रीम कोर्ट ने केरल के तिरूअनंतपुरम निवासी शमसुद्दीन को पारिवारिक सम्पत्ति में हिस्सा देने का आदेश दिया। मोहम्मद इलियास का विवाह वलियम्मा से 1945 में विवाह हुआ था। शादी के बाद वलियम्मा ने इस्लाम धर्म कबूल नहीं किया लेकिन दोनों जीवन भर पति-पत्नी की तरह रहे। इलियास के निधन के बाद वलियम्मा ने दूसरा विवाह भी कर लिया था। शमसुद्दीन के चचेरे भाइयों ने उसे पैतृक सम्पत्ति में हिस्सा देने का विरोध किया था। उनका कहना था कि इस्लामिक रीति-रिवाज के अनुसार इलियास का वलियम्मा से निकाह वैध नहीं था लिहाजा उसका बेटा अपने पिता की संपत्ति का बंटवारा होने पर अपना हिस्सा नहीं ले सकता।
 सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वलियम्मा ने मृत्यु से पूर्व कुछ सम्पत्ति अपने बेटे को गिफ्ट कर दी थी। गिफ्ट डीड के जरिए मिली सम्पत्ति पर किसी तरह का विवाद नहीं है। लेकिन बाकी बची अचल सम्पत्ति का मुस्लिम उत्तराधिकार कानून के तहत बंटवारा होना है। वलियम्मा के इलियास से दो बेटे हैं। लिहाजा दोनों को बराबर का हिस्सा मिलेगा।

विवेक वार्ष्णेय/सहारा न्यूज ब्यूरो
नई दिल्ली


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