सामान्य वर्ग को आरक्षण: बिल को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती

Last Updated 10 Jan 2019 04:01:53 PM IST

सामान्य वर्ग में आर्थिक रूप से पिछड़े तबके के लिये नौकरियों और शिक्षा में दस फीसदी आरक्षण की व्यवस्था करने वाले संविधान संशोधन विधेयक को गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी गयी।


सुप्रीम कोर्ट (फाइल फोटो)

गैर सरकारी संगठन यूथ फॉर इक्वेलिटी और कौशल कांत मिश्रा ने याचिका में इस विधेयक को निरस्त करने का अनुरोध करते हुये कहा है कि एकमात्र आर्थिक आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता।

याचिका में कहा गया है कि इस विधेयक से संविधान के बुनियादी ढांचे का उल्लंघन होता है क्योंकि सिर्फ सामान्य वर्ग तक ही आर्थिक आधार पर आरक्षण सीमित नहीं किया जा सकता है और 50 फीसदी आरक्षण की सीमा लांघी नहीं जा सकती।

राज्य सभा ने बुधवार को 124वें संविधान संशोधन विधेयक को सात के मुकाबले 165 मतों से पारित किया था। सदन ने विपक्षी सदस्यों के पांच संशोधनों को अस्वीकार कर दिया।    

इससे पहले, मंगलवार को लोकसभा ने इसे पारित किया था।

आर्थिक रूप से पिछड़े वर्ग के लिये आरक्षण का यह प्रावधान अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों को मिलने वाले 50 फीसदी आरक्षण से अलग है।

भाषा
नयी दिल्ली


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