राजकोषीय घाटे पर बोले चिदंबरम, मोदी सरकार विफल, जेटली की जगह होता तो इस्तीफा दे देता
पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार राजकोषीय समेकन की परीक्षा में विफल रही है और देश के लोगों को इसके लिए भुगतना पड़ेगा.
![]() जेटली की जगह होता तो इस्तीफा दे देता : चिदंबरम |
चिदंबरम ने कहा कि अगर वह वित्त मंत्री अरुण जेटली के स्थान पर होते तो इस्तीफा दे देते.
भारत चैंबर ऑफ कामर्स की ओर से आयोजित परिचर्चा के दौरान चिदंबरम ने कहा, ‘‘अगर मैं जेटली की जगह पर होता तो मैं क्या करता? मैं इस्तीफा दे देता.’’
वह केंद्रीय बजट 2018-19 के संदर्भ में राजकोषीय समेकन के मुद्दे पर बात कर रहे थे. चिदंबरम ने कहा, ‘‘जेटली ने दूसरों द्वारा लिखे गए बजट भाषण को पढने में निश्चित तौर पर मुश्किल स्थिति का सामना किया होगा.’’
राजकोषीय समेकन की परीक्षा में मोदी सरकार विफल
केंद्रीय बजट की आलोचना करते हुए चिदंबरम ने कहा कि सरकार राजकोषीय समेकन में पूरी तरह विफल रही है.
पूर्व वित्तमंत्री पी. चिदंबरम ने सोमवार को कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार राजकोषीय समेकन की परीक्षा में विफल रही है और देश के लोगों को इसके लिए भुगतना पड़ेगा. चिदंबरम ने कहा, "मौजूदा सरकार 4.5 फीसदी से आरंभ करके 2016-17 में राजकोषीय घाटा तीन फीसदी तक लाने वाली थी. दो बार इसे टालने के बाद उन्होंने कहा कि वे 2017-18 में ऐसा करेंगे. अब वे कहते हैं कि 2018-19 करेंगे."
पूर्व वित्तमंत्री ने कहा, "वित्त वर्ष 2017-18 में राजकोषीय घाटा 3.2 फीसदी रहने की उम्मीद थी लेकिन बजट में उन्होंने (वित्तमंत्री अरुण जेटली) इसे 3.5 फीसदी कर दिया. अगले साल यह तीन फीसदी होता लेकिन उन्होंने कहा कि वह 3.3 फीसदी करेंगे. राजकोषीय समेकन की परीक्षा में सरकार विफल रही है."
चिदंबरम ने कहा, "राजकोषीय घाटा पांच साल में 4.5 से घटकर 3.3 होने से इसमें पांच साल में 1.2 कटौती हुई, जबकि यूपीए के कार्यकाल में महज दो साल में राजकोषीय घाटा 5.9 फीसदी से घटकर 4.5 फीसदी हो गया था यानी 1.4 फीसदी की कटौती की गई थी."
उन्होंने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) की सरकार राजस्व घाटा में कटौती कर 3.2 फीसदी तक ले आई थी और चालू खाते का घाटा भी 1.7 फीसदी रह गया था.
चिदंबरम ने कहा, "हमने तर्कसंगत राजकोषीय समेकन हासिल किया." उन्होंने कहा कि वित्तीय स्थिरता आर्थिक नीति बनाने का आधार है और बगैर वित्तीय स्थिरता के किसी भी देश में कुछ भी हासिल नहीं किया जा सकता है.
कांग्रेस नेता ने कहा कि देश के किसान और युवा परेशान हैं क्योंकि सरकार संकटग्रस्त कृषि क्षेत्र को राहत दिलाने और युवाओं के लिए नौकरियों पैदा करने में विफल रही है.
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