राहुल गांधी ने कहा, सत्ता में आये तो GST को सरल बनाएंगे

Last Updated 13 Feb 2018 05:31:42 PM IST

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि उनकी पार्टी अगर केंद्र में सत्ता में आई तो वह मौजूदा जीएसटी में सुधार कर इसे एकल-स्तरीय कर बनाने की कोशिश कर सरलीकृत करने का प्रयास करेंगे और इसे "उचित" स्तर तक लाएंगे.


कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो)

इस कर को लागू करने के तरीके को लेकर बेहद आलोचनात्मक रुख रखने वाले गांधी इसे "गब्बर सिंह टैक्स" करार दे चुके हैं. उन्होंने कहा कि गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को लेकर "व्यापक" भ्रम को भी दूर किया जाएगा.

उन्होंने कर्नाटक के कालबुर्गी में पेशेवरों और उद्यमियों के साथ बातचीत में कहा, "हमारी स्थिति बेहद स्पष्ट है. हम जब सत्ता में आएंगे हम मौजूदा जीएसटी में सुधार कर इसे सरलीकृत बनाएंगे. हम उसे एक कर बनाने का प्रयास करेंगे और इसकी एक उचित सीमा तय करेंगे. हम उस व्यापक भ्रम की स्थिति को भी दूर करने की कोशिश करेंगे जिसका सामना आप सब कर रहे हैं."

राहुल गांधी ने कहा कि कांग्रेस के पास जीएसटी की एक परिकल्पना थी जो लोगों के जीवन को आसान बनाने से जुड़ी थी लेकिन यह अभी जटिल हो गया है.

उन्होंने कहा, "हमारा एक कर का विचार था और बड़ी संख्या में उन चीजों को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा था जिनका इस्तेमाल गरीब और आम आदमी करते हैं. एकल कर की अधिकतम सीमा 18 फीसद हो. यह हमारा जीएसटी था."

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि कर को लेकर संसद में भाजपा और राजग की लंबे समय तक कांग्रेस से लड़ाई हुई.

उन्होंने कहा कि कांग्रेस उनसे कहती रही थी कि पांच स्तरीय जीएसटी को लागू न करें और कर को लागू करने से पहले एक पायलट परियोजना शुरू करें अन्यथा यह "विनाशकारी" होगा.

राहुल गांधी ने कहा कि जीएसटी के पारित होने से पहले पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री अरुण जेटली से मुलाकात कर कहा था कि कर को लागू करने से पहले एक पायलट परियोजना चलाएं और कांग्रेस पार्टी पांच स्तरीय जीएसटी के पक्ष में नहीं है.

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "संसद में आपका बहुमत नहीं है. आप लोकसभा में हमें मात दे सकते हैं लेकिन आप जो भी करें, कृपया एक पायलट परियोजना चलाएं. एक अरब 30 करोड़ लोगों पर ऐसी प्रणाली का इस्तेमाल न करें जिसका परीक्षण न हुआ हो.. यह विनाशकारी होगा."

उन्होंने दावा किया कि जेटली की प्रतिक्रिया हालांकि यह थी कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस मामले में फैसला कर लिया है और एक खास तारीख पर आधी रात को इसे लागू किया जाएगा.
 

भाषा


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