सरकार ने फिर की पहल, आईबी के पूर्व निदेशक दिनेश्वर को बनाया मुख्य वार्ताकार, जम्मू-कश्मीर में शांति के लिए सबसे बातचीत
लगभग दो माह पूर्व 15 अगस्त को लाल किले की प्राचीर से प्रधानमंत्री की घोषणा के बाद केंद्र सरकार ने कश्मीर में सभी गुटों से बातचीत का रास्ता खोल दिया है.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व आईबी के मुख्य वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा |
प्रधानमंत्री ने कहा था कि कश्मीर समस्या का हल न गाली से होगा, न गोली से होगा, बल्कि कश्मीरियों को गले लगाने से होगा.
बहरहाल सरकार जहां एक तरफ आतंकियों के सफाए के लिए अभियान चला रही है, वहीं दूसरी ओर आईबी के पूर्व निदेशक दिनेश्वर शर्मा को पूरी अथॉरिटी देकर कश्मीर में सभी लोगों से बातचीत के लिए अपना प्रतिनिधि नियुक्त किया है.
शर्मा राज्य के सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों, राजनीतिक दलों, संगठनों तथा व्यक्तियों के साथ सतत बातचीत की प्रक्रिया शुरू करेंगे. वह जिससे भी चाहें बातचीत कर सकते हैं. शर्मा को कैबिनेट सचिव का दर्जा दिया गया है.
केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को यहां अचानक बुलाए गए एक प्रेस कान्फ्रेंस में इसका एलान किया. सिंह ने कहा कि शर्मा राज्य के सभी वर्गों के साथ साथ युवाओं की आकांक्षाओं को समझने पर भी विशेष ध्यान देंगे. वह बातचीत के बाद इसका पूरा ब्योरा केंद्र और जम्मू कश्मीर सरकार के साथ साझा करेंगे. यह पूछे जाने पर कि क्या शर्मा अलगाववादियों से भी बातचीत करेंगे ?
उन्होंने कहा कि उन्हें (शर्मा को) इस बात की पूरी आजादी होगी कि किससे बात करनी है और किससे नहीं. इस सवाल पर कि सरकार ने बातचीत के लिए किसी राजनीतिक नेता की जगह शर्मा का चयन क्यों किया ? गृहमंत्री ने कहा कि शर्मा किसी राजनीतिक दल से जुड़े हुए नहीं हैं. वह 1979 बैच के भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी रह चुके हैं और एक अनुभवी और सक्षम अधिकारी हैं.
ये हैं दिनेश्वर शर्मा
- राज्य के सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों, राजनीतिक दलों और संगठनों तथा व्यक्तियों के साथ सतत बातचीत शुरू करेंगे
- जिससे चाहें बातचीत कर सकते हैं
- बातचीत पूरी करने की समय सीमा नहीं
- शर्मा को कैबिनेट सचिव का दर्जा
- 1979 बैच के आईपीएस अधिकारी रह चुके हैं शर्मा
- जम्मू-कश्मीर मामलों के अच्छे जानकार
- घाटी में पहली पोस्टिंग मई 1992 में हुई
- घाटी में 1992 से 1994 तक असिस्टेंट डायरेक्टर रहे
- 2014 से 2016 तक आईबी चीफ रहे
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