कांग्रेस में अहंकार आ गया था, जिससे चुनाव हारी: राहुल गांधी

Last Updated 12 Sep 2017 04:23:57 PM IST

कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने आज कहा कि वर्ष 2012 के आस पास कांग्रेस पार्टी में कुछ अहंकार आ गया था और उसने संवाद करना बंद कर दिया था जिससे चुनाव में हार का सामना करना पड़ा.


कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी (फाइल फोटो)

उन्होंने यह भी कहा कि वंशवादी राजनीति भारत में ज्यादातर पार्टियों के लिए एक 'समस्या' है लेकिन साथ ही उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या में उनकी पार्टी के लोगों की कोई वंशवादी पृष्ठभूमि नहीं है.

इसी के साथ ही राहुल गांधी ने कहा कि किसी व्यक्ति की पृष्ठभूमि उसकी क्षमताओं को निर्धारित नहीं करती.  कांग्रेस उपाध्यक्ष ने बर्कले में यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया के छात्रों को संबोधित करते हुए एक प्रश्न के उत्तर में कहा कि यदि पार्टी उन्हें कार्यकारी जिम्मेदारी निभाने के लिए कहती है, तो वह इसके लिए पूरी तरह तैयार हैं.

यह पूछे जाने पर कि क्या कांग्रेस पार्टी वंशवाद की राजनीति से अधिक जुड़ी है, राहुल गांधी ने इसके जवाब कहा कि भारत को वंश चला रहे हैं.

उन्होंने जाने माने परिवारों में जन्मे कई प्रमुख भारतीयों की सूची पेश करते हुए कहा, भारत में अधिकतर दलों में यह समस्या है.. अखिलेश यादव एक वंश के वारिस हैं.. स्टालिन एक वंश के वारिस हैं .. यहां तक कि अभिषेक बच्चन भी एक वंश के वारिस है. भारत इसी तरह चलता है. इसलिए मेरे पीछे नहीं पड़ें क्योंकि भारत इसी तरह चलता है. इसी तरह अंबानी परिवार कारोबार चला रहे है. इंफोसिस में भी यही चल रहा है. भारत में ऐसा ही होता है. 

उन्होंने साथ ही कहा कि कांग्रेस पार्टी में बड़ी संख्या में ऐसे लोग हैं जिनकी कोई वंशवादी पृष्ठभूमि नहीं है.

राहुल गांधी ने कहा, और मैं हर राज्य में उनका नाम बता सकता हूं. ऐसे भी लोग है, जिनके पिता या दादी या परदादा राजनीति में रहे हैं. ऐसे भी लोग हैं. 

उन्होंने कहा, असल सवाल यह है, क्या वह व्यक्ति वास्तव में सक्षम है और क्या वह वास्तव में संवेदनशील है. गांधी ने कहा कि 2012 के आस पास कांग्रेस पार्टी का लोगों के साथ संवाद बंद हो गया. उन्होंने कहा कि यह किसी भी पार्टी के साथ हो सकता है जो 10 साल से सत्ता में हो.



47 वर्षीय राहुल गांधी ने कहा, हमने वर्ष 2004 में जो दृष्टि तय की थी वह ज्यादा से ज्यादा 10 साल के लिए थी. और यह बहुत हद तक स्पष्ट था कि हमने वर्ष 2004 में जो दृष्टि तय की थी, उसने 2010-11 में आते आते काम करना बंद कर दिया था. उन्होंने कहा, मैं यह कह सकता हूं कि वर्ष 2012 के आस पास कांग्रेस पार्टी में कुछ अहंकार आ गया था. और उसने संवाद करना बंद कर दिया. 

यह पूछे जाने पर कि क्या वह कांग्रेस पार्टी में कार्यकारी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं, उन्होंने कहा, मैं इस के लिए पूरी तरह तैयार हूं. उन्होंने इस संबंध में निर्णय पार्टी पर छोड़ते हुए कहा, हमारी एक संगठनात्मक प्रक्रिया है जो यह निर्णय लेती है. और यह प्रक्रिया इस समय जारी है. हमारे पास एक आंतरिक प्रणाली है जिसके तहत हम कुछ प्रतिनिधियों को चुनते हैं जो ये निर्णय लेते हैं. तो मेरा यह कहना सही नहीं होगा कि यह मेरा फैसला है. 

गांधी ने कहा, यह फैसला कांग्रेस पार्टी को करना है और यह प्रक्रिया इस समयजारी है. उन्होंने कहा कि भाजपा अधिकतर उन्हीं कार्यक्रमों को लागू कर रही है जो कांग्रेस के शासन में शुरू किए गए थे.  उन्होंने कहा, उन्होंने मूल खाका हमसे उधार लिया है, लेकिन वह खाका काम नहीं करता है, हम यह जानते हैं. इसने काम करना बंद कर दिया है. 

राहुल गांधी ने कहा कि अहिंसा की महात्मा गांधी की शिक्षा पर आज भारत में हमला हो रहा है. उन्होंने कहा, अहिंसा के विचार ने ही लोगों की इस बड़ी संख्या को एक साथ खड़ा किया.
 
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विदेश नीति की भी आलोचना की. गांधी ने कहा, जहां तक अमेरिका (के साथ संबंध में) की बात है, मैं उनकी स्थिति से पूरी तरह इत्तेफाक रखता हूं, लेकिन मुझे लगता है कि वे भारत को कमजोर बना रहे हैं क्योंकि यदि आप नेपाल की ओर देखते हैं, तो चीनी वहां है. यदि आप बर्मा को देखते हैं, तो वहां चीनी हैं. यदि श्रीलंका को देखें, तो वहां चीनी हैं. यदि आप मालदीव को देखे, तो वहां चीनी हैं. 

उन्होंने कहा, मैं (विदेश नीति की) मूल दिशा.. अमेरिका के साथ मित्रता, अमेरिका के साथ निकट संबंध को लेकर सहमत हूं, लेकिन भारत को अलग-थलग नहीं कीजिए क्योंकि यह खतरनाक है. 

भाषा


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