ब्लू व्हेल : बच्चों की आत्महत्या पर दिल्ली हाई कोर्ट ने चिंता जाहिर की

Last Updated 17 Aug 2017 12:57:10 PM IST

दिल्ली हाई कोर्ट ने ब्लू व्हेल चैलेंज खेलते हुए बच्चों के कथित तौर पर आत्महत्या कर लेने पर चिंता जाहिर की है.


दिल्ली हाई कोर्ट

यह इंटरनेट पर खेला जाने वाला एक ऐसा आत्मघाती खेल है, जो दुनिया भर में कई बच्चों की मौत के लिए कथित तौर पर जिम्मेदार है.
    
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश गीता मित्तल और न्यायमूर्तिसी हरिशंकर की पीठ ने इस बात पर भी हैरानी जताई कि आखिर व्यस्क लोग ऐसा खेल क्यों खेल रहे हैं, जिसमें 50 दिन की अवधि में खेल के संचालक (एडमिनिस्ट्रेटर) खेल खेलने वालों को उनके शरीर पर घाव करने जैसे खतरनाक टास्क देते हैं.
    
पीठ ने कहा कि वह समझ सकती है कि बच्चे प्रभावित हो रहे हैं लेकिन व्यस्क लोग क्यों इसमें शामिल हो रहे हैं?
    
आगे पीठ ने कहा, यदि किसी व्यस्क से कोई टास्क करने को कहा जाता है तो वह जाकर इमारत से कूद क्यों जाता है? हम इस बात पर हैरान हैं कि आखिर बच्चे और बड़े दोनों ऐसा कर क्यों रहे हैं? 
   
हालांकि उच्च न्यायालय ने याचिका के आधार पर कोई आदेश जारी नहीं किया. याचिका में अनुरोध किया गया था कि अदालत गूगल, फेसबुक और याहू जैसी इंटरनेट कंपनियों से ब्लू व्हेल के लिंक हटाने के लिए कहे.

अदालत ने यह जानना चाहा कि क्या सरकार ने ब्लू व्हेल गेम डाउनलोड करने के बारे में कोई निषेधकारी आदेश जारी किए हैं?
    
साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता वकील गुरमीत सिंह से यह भी पूछा कि क्या दिल्ली में ऐसी कोई घटना हुई है? उसने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या आज कोई निषेधकारी आदेश जारी किया जा सकता है और मामले की सुनवाई 22 अगस्त को की जा सकती है?
   
 दो दिन पहले, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं आईटी मंत्रालय ने इंटरनेट कंपनियों गूगल, फेसबुक, व्हाटसप, इंस्टाग्राम, माइकेसॉफ्ट और याहू को निर्देश दिए थे कि वे  उस घातक व्हेल चैलेंज के लिंक तत्काल हटा दें, जिसकी वजह से भारत और अन्य देशों में कई बच्चों ने आत्महत्या कर ली है.

उच्च न्यायालय में कल दायर जनहित याचिका में अदालत से अनुरोध किया गया था कि वह गूगल, फेसबुक और याहू जैसी कंपनियों को ब्लू व्हेल के लिंक हटाने का निर्देश दे.
     
भारत और विदेश में बच्चों की मौत का हवाला देते हुए याचिका दायर करने वाले वकील ने अनुरोध किया कि इंटरनेट की बड़ी कंपनियों को तत्काल निर्देश दिए जाएं कि वह ब्लू व्हेल चैलेंज से जुड़ी कोई सामग्री अपलोड न करें.
     
उन्होंने अदालत से दिल्ली पुलिस को यह निर्देश देने के लिए भी कहा कि वह एक पांच सदस्यीय विशेष दल नियुक्त करे, जो इस बात की निगरानी करेगा कि इंटरनेट कंपनियां अदालत का आदेश मान भी रही हैं या नहीं.


     
इस घातक खेल ब्लू व्हेल चैलेंज की लोकप्रियता के अचानक बढ़ जाने पर सरकार को इंटरनेट कंपनियों को इस खतरनाक खेल के लिंक हटाने के निर्देश देने के लिए मजबूर होना पड़ा है. इस खेल में 50 दिन की अवधि में खिलाड़ी को कई टास्क दिए जाते हैं और अंतिम टास्क आत्महत्या  की ओर ले जाता है. खिलाड़ी को टास्क खत्म करने के बाद तस्वीरें साझा करने के लिए भी कहा जाता है.
    
याचिका में कहा गया, ब्लू व्हेल चैलेंज नामक इस खतरे से बहुत से बच्चे और लोग बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं और वे यह तक नहीं जानते कि इससे उनकी जान चली जाएगी और उनके परिवारों को भारी दर्द झेलना होगा. यदि इस खतरे पर रोक लगा दी जाती है तो भारत के सभी नागरिकों को लाभ होगा. 
     
भारत में 12 से 19 साल की आयु सीमा के छह से ज्यादा बच्चे दो हफ्ते में इस खेल को खेलते हुए अपनी जान से हाथ धो चुके हैं.
    
जनहित याचिका में कहा गया कि रूस, चीन, सउदी अरब, ब्राजील, अर्जेंटीना, बुल्गारिया, चिली और इटली जैसे देशों से भी किशोरों की मौत की खबर मिली है.

 

 

भाषा


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