आदिवासी दंपति को तृणमूल में जबरन शामिल करना बदले की राजनीति का मामला : भाजपा
भाजपा ने बुधवार को आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस ने उस आदिवासी दंपति को अपहृत करके अपनी पार्टी में शामिल होने के लिए मजबूर किया जिसने पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल में भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मेजबानी की थी. भाजपा ने इसे बदले की राजनीति का जीता जागता उदाहरण बताया.
![]() केंद्रीय मंत्री रविशंकार प्रसाद (फाइल फोटो) |
केंद्रीय मंत्री रविशंकार प्रसाद ने इस घटना का जिक्र करते हुए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के संघर्ष के दिनों को याद दिलाया जो उन्होंने वाममोर्चा के शासन के दौरान किया था.
प्रसाद ने दावा किया कि वह (ममता) लोकतंत्र के प्रवाह और भाजपा के प्रति लोगों के समर्थन को दबाव और हिंसा के माध्यम से नहीं रोक सकती हैं.
उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में आश्चर्य व्यक्त किया कि क्या तृणमूल कांग्रेस सारदा चिटफंड मामले और नारद रिश्वत प्रकरण में अपने सांसदों की संलिप्तता की सीबीआई जांच को लेकर हताश है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘जांच नहीं रूकेगी. यह साक्ष्यों पर आधारित है जो सार्वजनिक है. बंगाल में तृणमूल कांग्रेस हिंसा और भय का माहौल पैदा कर रही है.’’
उन्होंने कहा कि तृणमूल कांग्रेस इस बात को बर्दाश्त नहीं कर पायी कि एक आदिवासी दंपति भाजपा अध्यक्ष को खाना खिला रहा है.
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