प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत रोजगार का संकट बढ़ा
रोजगार के मामले में मोदी सरकार की विफलता सामने आई है. प्रधानमंत्री रोजगार सृजन योजना के तहत रोजगार का संकट बढ़ गया है. रोजगार के मौकों में 9.5 फीसद की कमी आई है.
![]() (फाइल फोटो) |
2014-15 में 3.5 लाख रोजगार के मौके मिले थे. 2015-16 में ये घटकर 3 लाख 20 हजार हो गए.
एसोचैम ने सरकारी रिपोर्ट की स्टडी की है. उत्तर प्रदेश में योजना के तहत रोजगार में 11 फीसदी की कमी आई है. तमिलनाडु, महाराष्ट्र, बिहार और उड़ीसा में भी रोजगार का संकट पैदा हो गया है.
छोटे और लघु उद्यमियों के लिए बैंकों से लोन मिलना भी कम हो गया है.
लोन की राशि में 11 फीसदी की गिरावट आई है. केंद्र सरकार की मार्केटिंग असिस्टेंस और टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन योजना का भी बुरा हाल हुआ है. युवाओं को ट्रेनिंग देने के मामले में भी भारी कमी आई है.
रोजगार के लिए ट्रेनिंग पाने वाले युवाओं की संख्या एक लाख 40 हजार से घटकर 66 हजार हो गई है. कम ब्याज पर छोटे मंझोले और लघु उद्योग को कर्ज देने की स्कीम पर भी मोदी सरकार का प्रदर्शन खराब रहा है.
सस्ते ब्याज की स्कीम के तहत कर्ज मिलने वाली स्कीम में छोटे, मंझोले और लघु उद्योग की संख्या 28 फीसदी कम हो गई है. आपको बता दें कि ये मंत्रालय कलराज मिश्र के अधीन है.
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