आज से अमल में ये अहम फैसले, जानेंं क्या असर पड़ेगा आप पर...

Last Updated 01 May 2017 09:34:48 AM IST

देश में 1 मई से कई बड़े फैसले लागू होने जा रहे हैं. सरकार एक ओर रियल एस्‍टेट सेक्‍टर में कई कड़े कदम उठाने जा रही है वहीं वीआपी कल्चर वाली लालबत्ती गाड़ियों पर भी आज से प्रतिबंध लागू हो जाएगा. इसके साथ ही पांच शहरों में सोमवार से रोजाना पेट्रोल-डीजल के दाम तय होंगे.


फाइल फोटो

5 शहरों में दैनिक परिवर्तनशील ईंधन मूल्य परियोजना

सरकारी तेल विपणन कंपनियां आज से पांच शहरों में एक परिवर्तनीशील ईंधन मूल्य निर्धारण पायलट परियोजना लागू करने जा रही हैं. इसके तहत ईंधन कीमतें रोज बदलेंगी, जिससे वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव का सामना किया जा सके. मौजूदा समय में पेट्रोल और डीजल की कीमतों की समीक्षा प्रत्येक 15 दिन पर होती है.

ऑल इंडिया पेट्रोलियम डीलर्स एसोशिएशन के अध्यक्ष अजय बंसल ने इस महीने की शुरुआत में कहा कि परिवर्तनशील ईंधन मूल्य की पायलट परियोजना का निर्णय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेद्र प्रधान के द्वारा तीन तेल विपणन कंपनियों के अधिकारियों के साथ बैठक में लिया गया. इन कंपनियों में इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम
शामिल हैं.

इंडियन ऑयल के अधिकारी ने कहा कि कीमतें पांच शहरों के 109 केंद्रों पर हर मध्यरात्रि बदलेंगी. इसमें पुडुचेरी, दक्षिण भारत के विशाखापत्तनम, पश्चिम में उदयपुर, पूर्व में जमशेदपुर
और उत्तर में चंडीगढ़ शामिल हैं.

इस परियोजना के तहत कंपनियां कच्चे तेल की कीमतों के आधार पर हर रोज परिवहन ईंधन के कीमत में बदलाव करेंगी. परिवर्तनशील तेल मूल्य व्यवस्था कई विकसित देशों में
लागू है.

बंसल ने संवाददाताओं से कहा कि इस कदम से जमाखोरी बढ़ सकती है और भ्रम से बचने के लिए इसे पूरे भारत में शुरू करना चाहिए.

देश भर में लाल बत्‍ती गुल

आज से अब पूरे देश भर में वीआईपी लाल बत्‍ती का इस्‍तेमाल नहीं कर पाएंगे. केंद्र सरकार ने अभी हाल ही में फैसला लिया था. यह नियम प्रधानमंत्री, राष्‍ट्रपति और भारत के चीएफ जस्टिस के वाहनों पर भी लागू होगा. लेकिन एम्‍बुलेंस और फायर सर्विस की गाडि़यों, पुलिस और सेना के वाहन नीली बत्‍ती का प्रयोग कर सकेंगे.

मोदी ने रविवार (30 अप्रैल) को दिल्ली को आकाशवाणी पर प्रसारित ‘मन की बात‘ कार्यक्रम के जरिये देशवासियों को संबोधित करते हुए कहा था कि लाल बत्ती वीआईपी संस्कृति का प्रतीक बन गया था. इसे लेकर लोगों के मन में नफरत का माहौल था. अब यह लाल बत्ती तो चली गयी है लेकिन लोगों के दिमाग मे अति विशिष्ट होने का जो अहसास घुस गया है, वह भी पूरी तरह समाप्त होना चाहिए.

प्रधानमंत्री ने कहा कि नये भारत में वीआईपी की जगह अब (ईपीआई) एवरी पर्सन इज इंपोरटेंट  यानी हर व्यक्ति महत्वपूर्ण है, संस्कृति का  विकास होना चाहिए. उन्होंने कहा, ’सवा सौ करोड़ का माहात्म्य स्वीकार कीजिए.‘

रेरा प्रभाव में, अब नहीं चलेगी बिल्डरों की मनमानी

देश में लंबी प्रतीक्षा के बाद रीयल एस्टेट रेग्युलेशन एक्ट (रेरा) एक मई से लागू हो रहा है. इस कानून के लागू होने से बिल्डरों की मनमानी पर अंकुश लग जाएगा. नियमों का पालन नहीं करने पर बिल्डरों के लिए दंड और कड़ी सजा का प्रावधान किया गया है.

इस कानून के तहत सभी राज्यों में रीयल एस्टेट रेग्युलेटर अथारिटी (रेरा) का का गठना किया जा रहा है.  न्यूनतम 500 वर्ग मीटर या आठ फ्लैट की परियोजनाएं इसके दायरे में
आएंगी. अब बिल्डर को नई परियाजना शुरू करने से पहले उसे रेरा में पंजीकृत कराना होगा.
 

  • न्यूनतम 500 वर्ग मीटर या आठ फ्लैट की परियोजनाएं इसके दायरे में आएंगी
  • अब बिल्डर को नई परियाजना शुरू करने से पहले उसे रेरा में पंजीकृत कराना होगा
  • तमाम मंजूरियां मिलने के बाद ही कोई परियोजना शुरू की जा सकेगी
  • इसके लिए बिल्डर को एक अलग से बैंक खाता खोलना होगा जिसमें खरीदारों से जुटाई गई 70 फीसद रकम जमा करनी होगी
  • इस रकम का दूसरी परियोजना में इस्तेमाल नहीं किया जा सकेगा
  • इस कानून के दायरे में वे सभी परियोजनाएं भी आएंगी जिनके पूरा होने का प्रमाण पत्र अभी कंपनियों ने नहीं लिया है

बहुप्रतीक्षित रीयल एस्टेट कानून 13 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों ने ही इस कानून के तहत अब तक नियमों को अधिसूचित किया है. इसी बीच केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा कि यह कानून इस क्षेत्र का बस विनियमन करेगा न कि उसका गला घोंटेगा.
   
सरकार ने मकानों के खरीददारों को बचाने और असली निजी रीयल एस्टेट कंपनियों को बढ़ावा देने के लिए यह कानून लाया है. रीयल एस्टेट (नियमन एवं विकास) अधिनियम, 2016 पिछले साल मार्च में संसद से पारित हुआ था. उसकी सभी 92 धाराएं एक मई से प्रभावी हो जाएंगी.
   
हालांकि केवल 13 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों ने ही अबतक नियम अधिसूचित किए हैं. उत्तर प्रदेश, गुजरात, ओड़िशा, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और बिहार, अंडमान निकोबार द्वीपसमूह, चंडीगढ़, दादर एवं नागर हवेली, दीव, लक्षद्वीप आदि ने नियम अधिसूचित किए हैं.
   
हैदराबाद में नायडू ने कहा, ‘‘मैंने सभी संबंधित पक्षों को आश्वासन दिया है कि यह विधेयक सभी के हित में इस क्षेत्र का बस विनियमन समर्थ बनाता है लेकिन इस क्षेत्र का गला घोंटता है. मैं इस इतना कहना चाहता हूं कि डेवलपर अपने वादे पूरा करें.. विज्ञापन में जो वादे किए गए हैं, उनका पालन हो. ’’

सहारा न्यूज ब्यूरो/आईएएनएस/भाषा


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