नीति आयोग की बैठक में 15 साल का 'बदलाव का रोडमैप' पेश

Last Updated 23 Apr 2017 10:25:32 AM IST

देश में तेजी से बदलाव लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में रविवार को राष्ट्रपति भवन में नीति आयोग के संचालक परिषद् की तीसरी बैठक हुई.


नीति आयोग की बैठक

बैठक में भारत में बदलाव लाने का अगले 15 साल का रोडमैप पेश हुआ. इसमें सात साल का रणनीतिक दस्तावेज और तीन साल का ऐक्शन प्लान शामिल है.

बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने राज्य सारकारों का आह्वान किया कि वे आर्थिक वृद्धि को प्रोत्साहन के लिए ‘पूंजीगत व्यय और बुनियादी ढांचा सृजन की रफ्तार तेज करें.’

मोदी ने कहा कि आयोग द्वारा तैयार की दीर्घ, मझोली और लघु अवधि की कार्रवाई योजनाओं से सभी राज्यों को लाभ होगा.

उन्होंने बैठक को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘नीति आयोग 15 साल की दृष्टि, सात वर्ष की मध्यम अवधि की रणनीति और तीन साल के कार्रवाई एजेंडा के साथ काम कर रहा है.’’

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि नए भारत के विचार को सभी राज्यों के सामूहिक प्रयासों और सहयोग से ही हासिल किया जा सकता है.

मोदी ने कहा कि ‘टीम इंडिया यहां जुटी है और देश को बदलते वैश्विक रख के अनुरूप तैयार करने के तरीके पर विचार विमर्श कर रही है. उन्होंने कहा कि यहां जुटे लोगों की की यह सामूहिक जिम्मेदारी बनती है कि 2022 (स्वतंत्रता की 75वीं वषर्गांठ) के भारत की दृष्टि तैयार करे, जिससे देश सुगमता से इन लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में बढ़ सके.’’

मोदी ने कहा कि आयोग एक सामूहिक संघीय निकाय है, जिसकी ताकत बजाय उसके प्रशासनिक या वित्तीय नियंत्रण के, उसके विचारों में है. उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि मुख्यमंत्रियों को बजट या योजनाओं की मंजूरी के लिए नीति आयोग के पास आने की जरूरत नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह निकाय सरकारी ब्योरे से आगे बढ़ा है और उसने बाहर के विशेषज्ञों और युवा पेशेवरों की सेवाएं ली हैं. मोदी ने कहा कि राज्य भी नीति निर्माण में सहयोग दे सकते हैं.    

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि राज्यों को 2014-15 से 2016-17 के दौरान कुल कोष आवंटन में 40 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. वहीं केंद्रीय योजनाओं से संबद्ध कोष 40 प्रतिशत से घटकर 25 प्रतिशत रह गया है.

उन्होंने कहा कि राज्यों को पूंजीगत व्यय और बुनियादी ढांचा सृजन की रफ्तार बढ़ानी चाहिए.

मोदी ने कहा कि देश में खराब बुनियादी ढांचे से आर्थिक वृद्धि प्रभावित हो रही है. उन्होंने कहा कि बुनियादी ढांचे मसलन सड़क, बंदरगाह, बिजली और रेल पर अधिक खर्च से वृद्धि की रफ्तार बढ़ेगी.

बजट पेश करने की तारीख में बदलाव पर प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कदम से वित्त वर्ष की शुरुआत में कोष की उपलब्धता सुनिचित होगी. उन्होंने कहा कि पूर्व में योजनाओं के लिए बजट की राशि मई तक मंजूर नहीं हो पाती था. बजट की मंजूरी मिलने तक मानसून आ जाता था और इस तरह काम करने का सबसे अच्छा समय खराब हो जाता था.

उन्होंने बताया कि योजना और गैर योजना व्यय के अंतर को समाप्त करने का फैसला 2011 में रंगराजन समिति की सिफारिशों पर आधारित है.

मोदी ने कहा कि जीएसटी पर आप सहमति को देश के इतिहास में सहकारिता संघवाद के एक महान उदाहरण के रूप में उल्लिखित किया जाएगा. ‘जीएसटी एक राष्ट्र, एक आकांक्षा, एक संकल्प’ को दर्शाता है.  

प्रधानमंत्री ने लोकसभा और विधानसभा चुनावों को साथ-साथ कराने के लिए बहस और विचार विमर्श को आगे बढ़ाने की बात कही.

राष्ट्रपति भवन में आयोजित इस बैठक में पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, त्रिपुरा के मुख्यमंत्री माणिक सरकार, कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया सहित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री भाग ले रहे हैं.

नीति आयोग के शीर्ष निकाय संचालन परिषद के अध्यक्ष खुद प्रधानमंत्री हैं. इसमें सभी राज्यों मुख्यमंत्री और आयोग के सदस्य भी शामिल हैं.

 

भाषा


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