आईएसआईएस के चार संदिग्ध आतंकवादी गिरफ्तार, बड़े हमले की थी साजिश
दिल्ली और पांच अन्य राज्यों की पुलिस टीमों ने गुरुवार को एक संयुक्त अभियान में आईएसआईएस खुरासान मॉड्यूल के चार संदिग्ध आतंकवादियों को गिरफ्तार कर लिया जो कथित तौर पर किसी बड़े हमले को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे.
![]() उत्तर प्रदेश एटीएस के महानिरीक्षक असीम अरुण (फाइल फोटो) |
इन लोगों की गिरफ्तारी के अलावा छह अन्य लोगों को हिरासत में लिया गया है. एक अधिकारी ने बताया कि आज सुबह दिल्ली पुलिस के विशेष प्रकोष्ठ, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र के आतंकवाद रोधी दस्तों (एटीएस) तथा आंध्र प्रदेश, पंजाब और बिहार पुलिस की टीमों ने संयुक्त अभियान में मुंब्रा (महाराष्ट्र), जालंधर (पंजाब), नरकटियागंज (बिहार), बिजनौर और मुजफ्फरनगर (दोनों उत्तर प्रदेश) में छापे मारे.
उत्तर प्रदेश एटीएस के महानिरीक्षक असीम अरुण ने नोएडा में एक बयान में कहा कि चार लोगों को आतंकी साजिश रचने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि आईएसआईएस खुरासान मॉड्यूल से जुड़े आरोपी देश में कोई बड़ा हमला करने की साजिश रच रहे थे.
अरुण ने बताया कि उत्तर प्रदेश के जनपद बिजनौर से आईएसआईएस से जुड़े मुफ्ती फैजान और तनवीर को गिरफ्तार किया गया, जबकि मुंबई के पास ठाणे जिले के मुंब्रा से नजीम शमशाद नामक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया. वह बिजनौर का रहने वाला है. पंजाब के जालंधर जनपद से मुजम्मिल नामक संदिग्ध को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा कि उनके पास से आईएसआईएस से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए हैं.
लखनऊ में उत्तर प्रदेश एटीएस के बयान के अनुसार छह लोग हिरासत में लिए गए हैं और उनसे नोएडा में पूछताछ की जा रही है. अरुण ने कहा कि आरोपी इंटरनेट पर एक-दूसरे के संपर्क में थे. उन्होंने कहा कि अभियान में केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों ने महत्पूर्ण भूमिका निभाई.
महानिरीक्षक के अनुसार लखनऊ में गत सात मार्च को हुई मुठभेड़ के बाद एटीएस ने कुछ महत्वपूर्ण दस्तावेज बरामद किए थे. इसके बाद जांच पांच राज्यों तक विस्तारित हो गई. इस मुठभेड़ में खुरासान मॉड्यूल से जुड़ा एक संदिग्ध आतंकवादी मारा गया था.
एटीएस को सूचना मिली थी कि आईएसआईएस उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और बिहार राज्यों में अपना नेटवर्क बढ़ा रहा है तथा इन क्षेत्रों के कुछ युवक आतंकी संगठन में शमिल हुए हैं.
उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) दलजीत चौधरी ने लखनऊ में कहा, ''गिरफ्तार सभी लोग 18 से 25 वर्ष आयु वर्ग के हैं और वे मुंबई, जालंधर तथा उत्तर प्रदेश जैसी विभिन्न जगहों पर रह रहे थे. हमने यह भी पाया कि वे इंटनेट पर उपलब्ध सामग्री से निश्चित तौर पर प्रभावित थे.''
जांच में पता चला है कि इनमें से एक व्यक्ति समूह की वित्तीय मदद करना चाहता था और वे निकट भविष्य में कोई बड़ा हमला करने के मकसद से लगातार एक-दूसरे के संपर्क में थे. लेकिन विभिन्न राज्यों की पुलिस और अन्य एजेंसियों ने सर्विलांस की मदद से उन्हें इस तरह के किसी हमले को अंजाम देने से पहले ही गिरफ्तार कर लिया.
उत्तर प्रदेश एटीएस के एक प्रवक्ता ने कहा कि संदेह है कि गिरफ्तार लोग बिहार, उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र में संभावित आतंकी रंगरूटों की तलाश में थे.
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