पनामा मामले में अलग SIT की जरूरत है या नहीं: सुप्रीम कोर्ट
उच्चतम न्यायालय ने पनामा पेपर लीक मामले में सरकार से मंगलवार को पूछा कि क्या इस मामले में अलग से विशेष जांच दल (एसआईटी) बनाने की जरूरत है.
![]() (फाईल फोटो) |
केंद्र सरकार ने इस मामले में विभिन्न एजेंसियों द्वारा की गयी जांच की छह रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में शीर्ष अदालत के समक्ष पेश की. केंद्र सरकार ने कहा कि तीन दिनों के भीतर सातवीं रिपोर्ट दाखिल की जायेगी, जिसमें पनामा पेपर्स लीक संबंधी जानकारी होगी.
सरकार की दलील थी कि इस मामले में जांच सही दिशा में चल रही है और कुछ लोगों से जानकारी भी मांगी गई है.
न्यायालय ने रजिस्ट्री को रिपोर्ट को सीलबंद लिफाफे में ही रहने देने का निर्देश दिया. मामले की अगली सुनवाई जुलाई के दूसरे हफ्ते में होगी.
वकील एम एल शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने आदेश दिया था कि वह विभिन्न एजेंसियों द्वारा की गयी जांच की सभी छह रिपोर्ट चार हफ्ते के भीतर सीलबंद लिफ़ाफ़े में उसके समक्ष दाखिल करे.
न्यायालय ने मंगलवार को कहा कि रिपोर्ट देखने के बाद वह तय करेगा कि इस मामले में किसी नयी एसआईटी का गठन किया जाये या नहीं. श्री शर्मा ने मामले की जांच अदालत की निगरानी में एसआईटी द्वारा कराये जाने का अनुरोध किया है.
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